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उज्जैन के सामाकोटा बैराज सहित कई परियोजनाओं से पांच जिलों को मिलेगा सिंचाई, पीने को पानी

locationभोपालPublished: Jan 23, 2022 07:43:21 pm

Submitted by:

Ashok gautam

– साढ़े चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की होंगी परियोजनाएं , पांच वर्षों में होंगी बनकर तैयार- सबसे ज्यादा लागत प्रति हेक्टेयर 4.3 लाख रुपए उज्जैन जिले के डुंगलिया परियोजना की

चंबल नदी में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी

चंबल नदी में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड पक्षी

भोपाल। जल संसाधन विभाग ने सामाकोटा बैराज उज्जैन सहित प्रदेश के करीब एक दर्जन सिंचाई परियोजनाओं का रोड मैप तैयार कर लिया है। इन परियोजनाओं को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली साधिकार समिति ने स्वीकृति भी दे दी है, इनसे दो लाख हेक्टयर सिंचाई के अलावा कई शहरों और गांवों को पीने के लिए पानी भी मिल सकेगा। इन परियोजनाओं में से सबसे खर्चीली परियोजना उज्जैन की डुंगलिया बैराज सूक्ष्म मध्यम परियोजना होगी, जिसकी लागत 4.3 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर आएगी। इस परियोजना से लंबी दूरी तक पाइप लाइन से पानी पाहुचाया जाएगा।
इन परियोजनाओं से उज्जैन, मंदसौर, बालाघाट, बुहरहानपुर, रीवा जिले के कई तरहसीलों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इनसे प्रदेश के साढ़े 6 सौ गांवों को सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलेगा। बाधों में उपलब्ध पानी के आधार पर किसानों को दो से तीन फसलों की सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। लागत राशि के आधार पर किसानों से सिंचाई की राशि वसूली जाएगी।
सबसे ज्यादा 252 गांवों को पानी मंदसौर जिले के सीतामऊ परियोजना से मिलेगा। कम पानी से ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रफल में सिंचाई करने के लिए किसानों को ड्रिप सिंचाई करने के लिए कहा जा रहा है। ड्रिप सिंचाई पर उन्हें अनुदान भी दिया जा रहा है। बताया जाता है कि ये परियोजनाए चार से पांच वर्षों में बनकर तैयार हो जाएंगी। इन परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति भी दी जा चुकी है, जिससे इनके लिए राशि जल्द जारी की सके।


ये हैं परियोजनाएं
– समाकोटा बैराज – इससे 6000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 193.33 करोड़ रूपए है। इससे उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील को पानी मिलेगा।
-डुंगलिया बैराज- इस परियोजना से 2400 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 103.4 करोड़ रूपए है। इससे उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील को पानी मिलेगा।
– कायपुर परियोजना – इससे 120000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 2502.79 करोड़ रुपए है। इससे मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील को पानी मिलेगा।
– लाखाजी परियोजना- इससे 3200 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 50.55 करोड़ रुपए है। इससे मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील को पानी मिलेगा।
– लामटा परियोजना- इससे 9630 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 157.75 करोड़ रुपए है। इससे बालाघाट जिले के लामटा तहसील को पानी मिलेगा।
– झिरमिटी सिंचाई परियोजना- इससे 6900 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 235.4 करोड़ रुपए है। इससे बुरहानपुर जिले के खकनार तहसील को पानी मिलेगा।
– पागरी परियोजना- इससे 4400 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 150.16 करोड़ रुपए है। इससे बुरहानुपर जिले के खकनार तहसील को पानी मिलेगा।
– सेमरिया परियोजना – इससे 9000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 168.42 करोड़ रुपए है। इससे रीवा जिले के सेमरिया तहसील को पानी मिलेगा।
– छोटी उतावली परियोजना – इससे 4400 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 137.57 करोड़ रुपए है। इससे बुरहानपुर जिले को पानी मिलेगा।
– रिहन्द परियोजना – इससे 38000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 715.96 करोड़ रुपए है। इससे रीवा जिले को पानी मिलेगा।
– त्यौथर परियोजना – इससे 7600 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 98.57 करोड़ रुपए है। इससे रीवा जिले के त्यौथर तहसील को पानी मिलेगा।
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