ये हैं परियोजनाएं
– समाकोटा बैराज – इससे 6000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 193.33 करोड़ रूपए है। इससे उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील को पानी मिलेगा।
-डुंगलिया बैराज- इस परियोजना से 2400 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 103.4 करोड़ रूपए है। इससे उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील को पानी मिलेगा।
– कायपुर परियोजना – इससे 120000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 2502.79 करोड़ रुपए है। इससे मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील को पानी मिलेगा।
– लाखाजी परियोजना- इससे 3200 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 50.55 करोड़ रुपए है। इससे मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील को पानी मिलेगा।
– लामटा परियोजना- इससे 9630 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 157.75 करोड़ रुपए है। इससे बालाघाट जिले के लामटा तहसील को पानी मिलेगा।
– झिरमिटी सिंचाई परियोजना- इससे 6900 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 235.4 करोड़ रुपए है। इससे बुरहानपुर जिले के खकनार तहसील को पानी मिलेगा।
– पागरी परियोजना- इससे 4400 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 150.16 करोड़ रुपए है। इससे बुरहानुपर जिले के खकनार तहसील को पानी मिलेगा।
– सेमरिया परियोजना – इससे 9000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 168.42 करोड़ रुपए है। इससे रीवा जिले के सेमरिया तहसील को पानी मिलेगा।
– छोटी उतावली परियोजना – इससे 4400 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 137.57 करोड़ रुपए है। इससे बुरहानपुर जिले को पानी मिलेगा।
– रिहन्द परियोजना – इससे 38000 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 715.96 करोड़ रुपए है। इससे रीवा जिले को पानी मिलेगा।
– त्यौथर परियोजना – इससे 7600 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसकी लागत 98.57 करोड़ रुपए है। इससे रीवा जिले के त्यौथर तहसील को पानी मिलेगा।