सूरत के व्यापारी से ठगे पौने पांच लाख रुपए
आरोपियों ने दूसरे का माल दिखाकर की ठगी, शहर के दो युवकों ने दिया वारदात को अंजाम
भोपाल
Updated: January 24, 2022 01:49:18 pm
भोपाल. शाहजहांनाबाद थाना इलाके में सूरत के व्यापारी से दो युवकों ने करीब 4 लाख 70 हजार रुपए ठगे हैं। आरोपियों ने व्यापारी को सूरत से भोपाल बुलाया और किसी दूसरे का माल दिखाकर यह राशि ले ली। मामला साफ होने के बाद व्यापारी ने शाहजहांनाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू की है। पुलिस के अनुसार फरियादी रिशी गरोड़े पिता राधेश्याम (27) सूरत से हैं और इनका बल्ब का कारोबार है। रिशी ने पुलिस को बताया कि तीन दिन पहले दिल्ली में उसकी मुलाकात आरोपी राहुल सिंह से हुई थी। राहुल ने खुद को कारोबारी बताया और बल्ब दिलाने की बात कही। खरीदारी को लेकर फरियादी रिशी शुक्रवार रात को सूरत से भोपाल आया और टीटी नगर थाना इलाके में एक होटल में रुका। शनिवार को राहुल ने फोन पर संपर्क कर गौरव गुप्ता को वहां बुलाया। यहां पर कारोबार के संबंध में बातचीत हुई।
गौरव ने रिशी को माल दिखाया। इसके बाद रिशी ने गौरव को 4 लाख 70 हजार रुपए दे दिए और गौरव वहां से कार लेकर रवाना हो गया। कुछ देर बाद रिशी फिर से आरएसी ट्रांसपोर्ट पहुंचा, तो यहां के मैनेजर संदीप पांडे ने बताया कि यह माल किसी और का है। इसके बाद फरियादी रिशी ने शाहजहांनाबाद थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के नाम पर प्रकरण दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
फर्जी फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने की थी शिकायत, पर ध्यान नहीं दिया
भोपाल. बागसेवनिया से संचालित होने वाली फर्जी फाइनेंस कंपनी एईएस के कर्मचारियों ने कंपनी की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन पुलिस ने जांच के नाम पर देर कर दी। 17 जनवरी को बागसेवनिया थाने में कंपनी के एजेंट सुपरवाइजर सतीश भंवर ने लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने सीएसपी एवं अन्य जांच एजेंसियों को भी पत्र लिखकर कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की अपील की थी। पुलिस ने जांच का हवाला देकर विलंब कर दिया जिसके चलते कंपनी का डायरेक्टर रितेश गुप्ता फरार हो गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि पुलिस की जांच में कर्मचारी पूरा सहयोग कर रहे हैं। पुलिस को बताया गया है कि डायरेक्टर गुप्ता ने उन्हें लोगों को कब्जा दिलाने के नाम पर ढाई परसेंट प्रोसेस फीस जमा कराने को कहा था। इसके बदले उन्हें प्रतिमाह वेतन देने का वायदा किया गया था। एक महीने के अंदर ही डायरेक्टर रितेश गुप्ता की गतिविधियां संदिग्ध लगने लगी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की थी।

सूरत के व्यापारी से ठगे पौने पांच लाख रुपए
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