हर आंख में आंसू थे, वहां मौजूद हर शख्स ने दिल को हाथ जोडकऱ विदा कर रहा था। फोर्टिस हॉस्पिटल की टीम 12.30 बजे भोपाल पहुंची। सुबह 5.30 पर विमला की बॉडी से हार्ट निकालने का काम शुरू हुआ और सुबह 8.17 पर ऑपरेशन थियेटर से हार्ट बाहर आया। हार्ट को एयरपोर्ट ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एंबुलेंस महज 17 मिनट में एयरपोर्ट पहुंच गई। इधर, ऑर्गन रिट्रिविंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। दोपहर करीब 12 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।
रिट्रीवर नहीं मिलने से लंग्स नहीं किए डोनेट
भोपाल ऑर्गन डोनेशन सोसाइटी की अमिता चांद ने बताया कि परिवार चाहता था कि वे सभी अंग डोनेट किए जाएं जिससे किसी की जिंदगी बच सके। ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने तय किया था कि विमला अजमेरा के लंग्स को भी ट्रांसप्लांट किया जाए। इसकी सूचना उन्होंने नोटो को भी दी। हालांकि कोई रिट्रीवर ना मिलने के चलते लंग्स रिट्रीव नहीं हो पाए।
इसके साथ ही भोपाल से चेन्नई की सीधी कनेक्टिविटी ना होना भी इसका एक कारण रही। दरअसल रिट्रीव करने बाद लंग्स को चार घंटे में ट्रांसप्लांट करना होता है। सीधी एयर कनेक्टिविटी ना होने के कारण चेन्नई तक पहुंचने में देर हो जाती, इसलिए भी लंग्स को रिट्रिव नहीं किया गया। इसके साथ ही लिवर भी खराब होने के कारण रिट्रीव नहीं किया गया।