script

अगंदान से पांच लोगों को मिली नई जिंदगी, नम आंखों से विदा किया मां का दिल

locationभोपालPublished: Jul 26, 2019 02:19:15 pm

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

नम आंखों से विदा किया मां का दिल, मुंबई में 12 साल के बच्चे को मिलेगी नई जिंदगीअगंदान से पांच लोगों को मिलेगी नई जिंदगी: ग्रीन कॉरिडोर के जरिये 17 मिनट में हार्ट पहुंचा एयरपोर्ट

Organ Donate

अगंदान से पांच लोगों को मिली नई जिंदगी, नम आंखों से विदा किया मां का दिल

भोपाल. सह्याद्रि परिसर निवासी विमला अजमेरा दुनिया से जाने के बावजूद हमेशा लोगों के जेहन में बनी रहेंगी। उन्होंने अंग दान ( organ donation ) कर पांच परिवारों को नई जिंदगी दी। उनका दिल मुंबई में 12 साल के बच्चे को लगाया गया। फोर्टिस अस्पताल से आई टीम गुरुवार सुबह करीब आठ बजे उनके दिल को मुंबई ले जाने के लिए निकली तो सिद्धांता अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया।

हर आंख में आंसू थे, वहां मौजूद हर शख्स ने दिल को हाथ जोडकऱ विदा कर रहा था। फोर्टिस हॉस्पिटल की टीम 12.30 बजे भोपाल पहुंची। सुबह 5.30 पर विमला की बॉडी से हार्ट निकालने का काम शुरू हुआ और सुबह 8.17 पर ऑपरेशन थियेटर से हार्ट बाहर आया। हार्ट को एयरपोर्ट ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एंबुलेंस महज 17 मिनट में एयरपोर्ट पहुंच गई। इधर, ऑर्गन रिट्रिविंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। दोपहर करीब 12 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।

रिट्रीवर नहीं मिलने से लंग्स नहीं किए डोनेट

भोपाल ऑर्गन डोनेशन सोसाइटी की अमिता चांद ने बताया कि परिवार चाहता था कि वे सभी अंग डोनेट किए जाएं जिससे किसी की जिंदगी बच सके। ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने तय किया था कि विमला अजमेरा के लंग्स को भी ट्रांसप्लांट किया जाए। इसकी सूचना उन्होंने नोटो को भी दी। हालांकि कोई रिट्रीवर ना मिलने के चलते लंग्स रिट्रीव नहीं हो पाए।

इसके साथ ही भोपाल से चेन्नई की सीधी कनेक्टिविटी ना होना भी इसका एक कारण रही। दरअसल रिट्रीव करने बाद लंग्स को चार घंटे में ट्रांसप्लांट करना होता है। सीधी एयर कनेक्टिविटी ना होने के कारण चेन्नई तक पहुंचने में देर हो जाती, इसलिए भी लंग्स को रिट्रिव नहीं किया गया। इसके साथ ही लिवर भी खराब होने के कारण रिट्रीव नहीं किया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो