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आचार संहिता में कोलार नपा पुनर्गठन में पांच पेच

locationभोपालPublished: Mar 22, 2019 09:08:58 pm

Submitted by:

Rohit verma

कुछ नगर-निगम में रहने को राजी तो कुछ नगर पालिका बनाने के पक्ष में

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आचार संहिता में कोलार नपा पुनर्गठन में पांच पेच

भोपाल. कोलार नगर पालिका पुनर्गठन मामले में आचार संहिता समेत पांच पेच जाहिर हुए हैं। इनसे पार पाने के बाद ही कोलार भोपाल से अलग हो पाएगा। हालांकि यहां आपत्ति-दावों को जमा करने की तारीख खत्म हो गई है और अब लोगों को इनकी सुनवाई का इंतजार है। कुछ लोग आचार संहिता में ही सुनवाई चाहते हैं तो कुछ पूरे मामले को ही रद्द कर भोपाल में ही रहने की बात कह रहे हैं।

ये पेच कोलार में
1.़ विधायक चाहते हैं जनमत संग्रह हो: स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा कोलार को भोपाल से अलग करने या नहीं करने को लेकर जनमत संग्रह की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को लिखित में निवेदन भी किया है। यदि मांग मानी तो फिर प्रक्रिया मुश्किल में है।

2. पैकेज की मांग : कोलार नगर पालिका बनने के पहले शासन से इसके लिए विशेष पैकेज की मांग उठ रही है। ये 1000 करोड़ से 5000 करोड़ तक है। इससे विकास में मदद मिलेगी। शासन को इस राशि का इंमजाम करना होगा।

3. कोर्ट में मामला: कोलार के अमिताभ अग्निहोत्री ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर निवेदन किया है कि कोलार को अलग करना जरूरी है, क्योंकि मामला कोर्ट में है। प्रक्रिया को तय-समय में पूरा करें। मामले में फिर कोई अडंगा आ सकता है।

4. आचार संहिता: मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पास कोलारवासियों की और से भेजे आवेदन में आचार संहिता में इस पुनर्गठन की प्रक्रिया को रोकने की मांग की गई है। प्रक्रिया जारी रही तो आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में मामला आएगा। ऐसे में कई अफसरों पर गाज गिर सकती है।

5. नियमों का अड़ंगा: यहां कलेक्टर के पास कोलार के प्रबुद्धजन पहुंचे। उन्होंने कोलार मामले में जनप्रतिनिधियों के आपत्ति-सुझाव को ही रद्द करने को कहा। बताया गया कि मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 (क) में इसका उल्लेख है। ऐसे में कोलार का पक्ष कमजोर पड़ेगा।

अब चल रहा ये काम : भोपाल नगर निगम के छह वार्डों को तोड़कर कोलार नपा बनाने को लेकर दावे-आपत्तियों की समय-सीमा खत्म होने के बाद अब निगम के इंजीनियर नक्शे और संबंधित क्षेत्रों के मौजूदा आंकड़ों को जुटाने में लगे हुए हैं। कोलार नपा की 2011 जनगणना की 1.़12 लाख आबादी की बजाय दोगुना यानि करीब ढाई लाख के आधार पर वार्ड की सीमा नए सिरे से बनाने में लगे हुए हैं। कोशिश है कि नगर पालिका की आबादी अधिकतम 8000 प्रति वार्ड तय हो।

 

अलग हुआ तो ये आशंका
नगर निगम को केंद्र से मिलने वाली मदद का लाभ नहीं मिलेगा।
स्मार्टसिटी एरिया से बाहर होगा, जिससे यहां दिक्कत आएगी
केंद्र की राशि से चल रहा सीवर प्रोजेक्ट बंद हो जाएगा
जलापूर्ति के लिए केरवा प्रोजेक्ट का बचा हुआ काम प्रभावित होगा
नगर निगम से हटने पर भोपाल और कोलार दोनों की श्रेणी कमजोर हो जाएगी
मुख्यमंत्री अधोसंरचना के लिए मिलने वाली राशि पर असर होगा
कोलार की खुद की कोई आय नहीं है, इससे नगर पालिका का संचालन नहीं हो पाएगा
सफाई से लेकर सड़क और स्ट्रीट लाइट तक पर नकारात्मक असर होगा।

हुजूर विधानसभा प्रत्याशी रह चुके नरेश ज्ञानचंदानी का कहना है कि कोलार यदि नगर निगम से अलग हुआ तो इसका पूरा विकास रुक जाएगा।
कोलार के राहुल सिंह राठौर ने कोलार को नगर पालिका बनने का समर्थन करते हुए इसके लिए विशेष पैकेज व मौजूदा व्यवस्थाओं और सुविधाओं के बने रहने की मांग की।
विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है कि कोलार का विकास नगर निगम के साथ ही है। इसे किसी भी स्थिति में भोपाल से अलग नहीं होना चाहिए।

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