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पांच साल पहले थे 120 बच्चे, अब बचे मात्र 10

locationभोपालPublished: Jul 04, 2018 07:44:46 am

Submitted by:

Bharat pandey

प्रेमपुरा शासकीय प्राथमिक शाला में नहीं है बाउंड्रीवॉल, बदमाशों ने तोड़ दिया सुविधाघर

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Five years ago there were 120 children, now only 10 in school

भोपाल। राजधानी में प्रशासन अकादमी से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित प्रेमपुरा बस्ती की प्राथमिक स्कूल की दुर्दशा देखकर शासकीय स्कूलों की हालत को समझा जा सकता है। पांच साल पहले इस स्कूल में 120 विद्यार्थी थे। अभी मात्र 10 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इतने कम समय में स्कूल की यह दुर्दशा कैसे हुई, यहां के हालातों को देखकर समझा जा सकता है। स्कूल परिसर में बाउंड्रीवॉल तक नहीं है। शाम ढ़लते ही स्कूल की छत शराबखोरों का अड्डा बन जाती है तो अल सुबह से पूरा परिसर शौच का मैदान। बच्चे जब सुबह स्कूल आजे हैं तो मैदान में गंदगी से लेकर परिसर में आवारा पशु पसरे मिलते हैं। ऐसे में मात्र दो शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई हो भी तो कैसे?

बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए 10 साल से चल रहा है पत्र व्यवहार
स्कूल परिसर की बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए पिछले 10 सालों से पत्र व्यवहार चल रहा है, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। स्कूल परिसर में लगातार कब्जे होते जा रहे हैं। जैसे ही एक घर पूरा होता है, उससे लगकर दूसरा घर बनने लगता है और बाद में वही घर स्कूल की सीमा बन जाता है। ऐसे करते-करते परिसर सिकुडकऱ लगभग आधा हो चुका है।

तीन छात्राएं एक साथ जाएं तब खुलता है ताला
बदमाशों का आतंक इतना है कि छात्रों के सुविधाघर को आवारा तत्वों ने तोड़ दिया है। इस डर से शिक्षकों ने छात्राओं के सुविधाघर पर ताला डलवा दिया है। बार-बार ताला खोलने बंद होने से बचाने के लिए तीन या तीन से अधिक छात्राएं एक साथ बाथरूम की चाबी लेकर निकलती हैं।

आवारा पशु और गंदगी की भरमार
चारों ओर से खुले परिसर में आवारा पशु घूमते नजर आते हैं। कुत्ते तो भवन के सूखे गलियारे में ही अड्डा जमाए रहते हैं। पूरे मैदान में गंदगी, शराब की बोतलें और अन्य कचरा पड़ा रहना तो साल भर की समस्या है।
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