फ्लायओवर बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने सरकार से मानसरोवर कॉम्प्लेक्स से मैदा मिल एलआइसी कार्यालय तक बीआरटीएस खत्म कर जमीन हस्तांतरित करने की मांग रखी। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी को फ्लायओवर के टेंडर जारी करने से पहले मेट्रो कंपनी की एनओसी भी चाहिए। अब तक इस मामले में नगर निगम, मेट्रो कंपनी और पीडब्ल्यूडी की तीन संयुक्त बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सहमति नहीं बनी। साफ है कि केंद्र सरकार से फंड और अनुमति आने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से जब तक औपचारिकताएं पूरी नहीं होती, तब तक पीडब्ल्यूडी काम चालू नहीं कर सकेगा।
किस विभाग की क्या है आपत्ति
मेट्रो रेल कंपनी
यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक और केंद्र से फंड मिलने के बाद एम्स से सुभाष नगर के बीच रूट नंबर 2 का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट के आसपास दूसरा नया प्रोजेक्ट तभी आएगा, जब फायनेंस करने वाली संस्थाओं से चर्चा कर अनापत्ति मिल जाएगी।
नगर निगम
बीसीएलएल के अर्तंगत मिसरोद से बैरागढ़ के बीच शहर के इकलौते बीआरटीएस का संचालन हो रहा है। मानसरोवर कॉम्पलेक्स से बोर्ड ऑफिस के बीच लो फ्लोर बसें इसे कम समय में क्रॉस होती हैं। बीआरटीएस खत्म होने से बसों के संचालन में दिक्कतें आएगी।
पीडब्ल्यूडी
प्रस्तावित फ्लायओवर मेट्रो रूट से सटकर बनेगा लेकिन क्रॉस नहीं करेगा। बगैर बीआरटीएस खत्म किए कॉलम पिलर बनाने जगह नहीं मिलेगी। पीडब्ल्यूडी ने अनुमति मिलने की उम्मीद में अपने स्तर पर शुरुआती सर्वे शुरू कर दिए हैं।
बैठकें हुई हैं, लेकिन सहमति नहीं बनी
मेट्रो कंपनी और नगर निगम के साथ बैठकें हुई हैं, लेकिन सहमति नहीं बनी है। बीआरटीएस की जमीन लेना जरूरी है लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट इससे प्रभावित नहीं होगा।
आरके मेहरा, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी