गर्म थपेड़ों व तेज धूप के कारण लू लगना एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस यानी 104-105 डिग्री फॉरेनहाइट या उससे ज्यादा हो जाता है। ऐसी स्थिति में कुछ अंग काम करना भी बंद कर सकते हैं। बता दे कि शरीर का संतुलित तापमान 37 डिग्री होता है।
घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं
● घड़े के पानी में थोड़ा नमक-शक्कर मिलाकर पीने से लू से बचने में सहायता मिलती है।
● तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी का अधिक सेवन करें।
● प्याज का सेवन भी लू से बचाता है, यह भी कहा जाता है कि धूप में निकलने पर साथ में प्याज रख लें। धनिए के पानी में चीनी मिलाकर पिएं ।
● कच्चे आम का शर्बत यानी आम का पना भी लू से बचाने में सहायक है। इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर पीने से लू से बचा जा सकता है।
● चंदनासव 3-4 चम्मच बराबर पानी में मिलाकर पिएं।
लू लगने को ऐसे जानें
● तेज बुखार, पसीना नहीं निकलता है, त्वचा पर लाल निशान बन जाते हैं।
● पेशाब में जलन एवं परेशानी होती है।
● पूरे सिर में तेज दर्द होना। बिना किसी कारण के शरीर में जकड़न होती है।
● बुजुर्गों की त्वचा पतली होने के कारण उन्हें खतरा ज्यादा।
बचने के लिए यह करें
● गर्मी में बहुत अधिक घूमने-फिरने से बचें। धूप से आकर एकदम ठंडा पानी न पीएं।
● दिन में कम से कम दो बार ठंडे पानी से स्नान करें। तेज धूप में नंगे पांव न रहें। सूती व सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें।
● घर से टोपी, चश्मा, छतरी इत्यादि लेकर निकलें।