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10 साल से शहर में शमिल आबादी बिजली कंपनी के नियमों में ग्रामीण

locationभोपालPublished: Jul 27, 2018 07:22:21 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

बिजली कटौती: मौसम कोई भी हो अंधेरे में डूबे रहते हैं शहर के कई इलाके

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10 साल से शहर में शमिल आबादी बिजली कंपनी के नियमों में ग्रामीण

भोपाल. शहरी सीमा में शामिल कोलार, मिसरोद, दानिशकुंज, सर्वधर्म, नीलबड़, सूरज नगर जैसे क्षेत्र के लाखों रहवासी अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। वजह इन इलाकों में बिजली कंपनी ग्रामीण रुटीन के अनुसार बिजली दे रही है। डेढ़ लाख की आबादी वाले कोलार में रोजाना दो से चार घंटे तक कटौती हो रही है।

मिसरोद और नीलबड़ के हालात भी अलग नहीं हैं। पिछले सप्ताह बारिश के दौरान कोलार में 132 केवी लाइन मेें गड़बड़ी से घंटों तक सप्लाई बंद रही। मिसरोद, दानिशकुंज, नीलबड़, खजूरी सड़क जैसे क्षेत्रों में रातभर सप्लाई बंद रही।

ये क्षेत्र बिजली के सिटी सर्कल के बजाय भोपाल ओएंडएम सर्कल में शामिल हैं। शहर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का प्रावधान है। ओएंडएम में शामिल क्षेत्रों में यह नियम लागू नहीं होता। गांव में 16 से 18 घंटे सप्लाई का प्रावधान है, उसी तर्ज पर यहां भी आपूर्ति होती है।

समस्या यह भी है कि भोपाल में बिजली सुधार के लिए केंद्र सरकार से राशि आती है तो उसका उपयोग भी यहां नहीं हो पाता है। अभी आइपीडीएस में सिटी सर्कल को दी गई राशि कोलार से मिसरोद और किनारे वाले क्षेत्रों में उपयोग नहीं हो पा रही है। इसके लिए अलग से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, जिसके बाद राशि मिली।

ग्रामीण इसलिए परेशान : बिजली बिल के लिए सिटी सर्कल से अलग एजेंसी काम करती है, जिससे बिलिंग में देरी होती है। कोलार, मिसरोद और इसी तरह किनारे वाले क्षेत्र के उपभोक्ता सिटी सर्कल की एटीपी से बिल जमा नहीं कर सकते।
सिटी सर्कल की बजाय ओएंडएम कार्यालय पर ही शिकायत करनी होती है। इसे भोपाल से अलग क्षेत्र माना जाता है।
बिजली सुधार के शहरी मद से इन क्षेत्रों में काम नहीं हो पाता, इनके लिए ग्रामीण मद से पैसा लेना पड़ता है। ये राशि काफी कम होती है।
शहर में हों तो ये लाभ : उपभोक्ताओं को सभी एटीपी उपयोग की अनुमति मिलेगी। बिलिंग-रीडिंग एजेंसी एक ही होगी, तो देरी से बिल आने की समस्या से निजात मिलेगी। कोलार, मिसरोद जैसे क्षेत्रों में बड़ी लाइन फॉल्ट होने पर शहर से जुड़ी लाइन से जोड़कर बिजली आपूर्ति की जा सकेगी।केंद्र से शहरी बिजली सुधार के लिए आने वाला फंड यहां उपयोग किया जा सकेगा।

कोलार शहर का ही हिस्सा है, इसे सिटी सर्कल से जोडऩा चाहिए। अभी बार-बार बिजली गुल की समस्या बनी हुई है।
डॉ. धीरज शुक्ला, फिजिशियन

मिसरोद शहर में होकर भी बिजली के मामले में गांव जैसा ही है। इसमें सुधार की जरूरत है।
अजय पाटीदार, रहवासी व सामाजिक कार्यकर्ता, मिसरोद
यह समस्या जानकारी में है। सुधार जरूरी है। उपभोक्ताओं को पूरी बिजली मिले, हमारा यही मकसद है। शहरी सीमा में शामिल हुए क्षेत्रों के लोगों को अलग-थलग छोडऩे का सवाल ही नहीं है।
डॉ. संजय गोयल, एमडी, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी

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