मिसरोद और नीलबड़ के हालात भी अलग नहीं हैं। पिछले सप्ताह बारिश के दौरान कोलार में 132 केवी लाइन मेें गड़बड़ी से घंटों तक सप्लाई बंद रही। मिसरोद, दानिशकुंज, नीलबड़, खजूरी सड़क जैसे क्षेत्रों में रातभर सप्लाई बंद रही।
ये क्षेत्र बिजली के सिटी सर्कल के बजाय भोपाल ओएंडएम सर्कल में शामिल हैं। शहर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का प्रावधान है। ओएंडएम में शामिल क्षेत्रों में यह नियम लागू नहीं होता। गांव में 16 से 18 घंटे सप्लाई का प्रावधान है, उसी तर्ज पर यहां भी आपूर्ति होती है।
समस्या यह भी है कि भोपाल में बिजली सुधार के लिए केंद्र सरकार से राशि आती है तो उसका उपयोग भी यहां नहीं हो पाता है। अभी आइपीडीएस में सिटी सर्कल को दी गई राशि कोलार से मिसरोद और किनारे वाले क्षेत्रों में उपयोग नहीं हो पा रही है। इसके लिए अलग से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, जिसके बाद राशि मिली।
बिजली सुधार के शहरी मद से इन क्षेत्रों में काम नहीं हो पाता, इनके लिए ग्रामीण मद से पैसा लेना पड़ता है। ये राशि काफी कम होती है।
डॉ. धीरज शुक्ला, फिजिशियन मिसरोद शहर में होकर भी बिजली के मामले में गांव जैसा ही है। इसमें सुधार की जरूरत है।
अजय पाटीदार, रहवासी व सामाजिक कार्यकर्ता, मिसरोद
डॉ. संजय गोयल, एमडी, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी