– इनके नाम की हुई सिफारिश
मदन मोहन गुप्ता : इनके नाम की सिफारिश संस्कृति विभाग के एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने पद्म विभूषण के लिए की है। प्रदेश सरकार का मानना है कि इन्हें यह सम्मान समाजसेवा के क्षेत्र में दिया जाए। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त गुप्ता वर्तमान में मध्यप्रदेश व्यापार संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर रीवा लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
डॉ. बलवीर सिंह तोमर : सीहोर कलेक्टर तरुण पिथौड़े ने इन्हें पद्मश्री देने की सिफारिश की है। तोमर शिल्पकार भी हैं, इसलिए उन्हें शिल्प के लिए पद्मश्री देने की अनुशंसा की गई है। तोमर कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह और कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ के करीबी बताए जाते हैं।
सविता गोड़बोले : इंदौर की कथक नृत्यांगना को पद्मश्री देने की अनुशंसा राजभवन से की गई है। वे लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की करीबी हैं। महाजन की पोती सविता गोडबोले से कथक सीखती थीं।
डॉ. संतोष कुमार चौबे : दो निजी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। संस्कृति विभाग के एसीएस ने समाजसेवा के क्षेत्र में पद्मश्री देने की अनुशंसा की है। चौबे के भाजपा नेताओं से नजदीकी संबंध हैं।
महेश श्रीवास्तव : वरिष्ठ पत्रकार और मध्यप्रदेश गान के रचियता को साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री देने की अनुशंसा भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े ने की है।
कैलाश मड़वैया : बुंदेली गीतकार को साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री देने की अनुशंसा राज्यपाल के विधि अधिकारी ने की है। राज्यपाल ने मड़वैया को राजधानी के एक कार्यक्रम में सम्मानित करते उनकी प्रशंसा भी की थी।
अंबरीश कुमार श्रीवास्तव : भोपाल सांसद आलोक संजर से जुड़े हुए हैं। इन्हें समाजसेवा में पद्मश्री देने की सिफारिश की गई है।
बसंत कपरिया और ललित किशोर तिवारी : होशंगाबाद के नर्मदा घाट पर लोगों की जान बचाने एवं नर्मदा संरक्षण के लिए दोनों को पद्मश्री देने की सिफारिश वहां के कलेक्टर ने की है।
– 15 तक भेजे जा सकते हैं नाम
पद्म पुरस्कार के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। यह हर साल गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है। देशभर में साल 2019 के पद्म पुरस्कारों के लिए आवेदकों के बीच होड़ मची हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक अब तक 11475 आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 10453 का नामांकन किया गया है। पिछले साल 35000 आवेदन आए थे। 85 लोगों को यह पुरस्कार दिया गया था।
पद्म पुरस्कार के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। यह हर साल गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है। देशभर में साल 2019 के पद्म पुरस्कारों के लिए आवेदकों के बीच होड़ मची हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक अब तक 11475 आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से 10453 का नामांकन किया गया है। पिछले साल 35000 आवेदन आए थे। 85 लोगों को यह पुरस्कार दिया गया था।
– ये करते हैं सिफारिश
पद्म पुरस्कारों की सिफारिश केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों, भारत रत्न और पद्म विभूषण विजेताओं, इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सीलेंस समेत कई संस्थानों से मिलती हैं। पुरस्कार वितरण के लिए बनाई गई कमेटी इन पर विचार-विमर्श करती है। सिफारिश मिलने पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति इस पर अनुमोदन देते हैं, जिसके बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इनका ऐलान किया जाता है।
किस-किस के नाम अनुशंसा में है और उन पर क्या निर्णय हुआ है। देखकर ही बता पाऊंगा।
– लालसिंह आर्य, मंत्री, सामान्य प्रशासन