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अनुमति मांगी थी 248 पेड़ की, हमने तो 203 की दी

locationभोपालPublished: Mar 17, 2020 01:29:19 am

शहर किनारे वनक्षेत्र से दो दिन में 203 पेड़ों को काटने के मामले में गलती स्वीकारने की बजाय निगम व सीपीए के अफसर खुद को बचाने की कोशिश में हैं

अनुमति मांगी थी 248 पेड़ की, हमने तो 203 की दी

अनुमति मांगी थी 248 पेड़ की, हमने तो 203 की दी

भोपाल. शहर किनारे वनक्षेत्र से दो दिन में 203 पेड़ों को काटने के मामले में गलती स्वीकारने की बजाय निगम व सीपीए के अफसर खुद को बचाने की कोशिश में हैं। नोटिस के जवाब में निगम के संबंधित अफसरों ने पेड़ काटने की अनुमति का पूरा जिम्मा सीपीए फॉरेस्ट पर डाल दिया। लिखा कि सीपीए ने ही पेड़ काटने की मंजूरी दी थी, इसलिए ही अनुमति जारी की। इधर सीपीए अफसरों का कहना है कि निगम ने तो यहां 248 पेड़ काटने के लिए एनओसी मांगी थी, हमने तो 203 की ही दी। हालांकि वे निगम को ही अंतिम जिम्मेदार बता रहे हैं।
हाल में चंदनपुरा के खसरा नंबर 75 पर राजेश पारदासानी ने अपने 10.40 एकड़ जमीन पर 203 पेड़ काट दिए। स्थिति ये कि ये पेड़ पारदासानी की ओर से खुद निगम के अमले ने काटे। अमले की मदद के लिए पारदासानी ने पांच जेसीबी लगा दी थी। दो दिन लगातार कटाई चली। रात में भी पेड़ काटे गए और पूरा क्षेत्र पेड़ों से मुक्त कर दिया गया, जबकि चंदनपुरा शहर से लगा वन क्षेत्र है।
डीएफओ, एडिशनल कलेक्टर का पत्र भी
डीएफओ हरिशंकर मिश्रा इसे राजस्व भूमि बताकर दूरी बना रहे हैं, लेकिन कटाई की अनुमति में डीएफओ की सहमति का पत्र भी है। इसमें इसे राजस्व भूमि बताया है। यानि डीएफओ को कटाई से दिक्कत नहीं थी। इसी तरह तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर रत्नाकर झा के नाम से जारी पहले का एक पत्र भी दर्ज है, जिसमें निर्माण में बाधक पेड़ों को काटने की एनओसी है।
एक्ट के तहत शहरी सीमा में निगमायुक्त ट्री अधिकारी होता है और पेड़ काटने की अनुमति उसके ही माध्यम से दी जाती है। इसमें हमारी भूमिका नहीं है। हमने तो 45 पेड़ बचा लिए। निगम ने 248 पेड़ों की अनुमति मांगी थी, लेकिन हमारे रेंजर ने निरीक्षण किया तो 203 ही काटने योग्य पाए।
संजय श्रीवास्तव, चीफ कंजरवेटर सीपीए फॉरेस्ट
पेड़ों की कटाई के लिए जो दस्तावेज आए थे, उनके आधार पर सीपीए फॉरेस्ट को एनओसी के लिए भेजा था। उन्होंने ही सहमति दी, तभी हमने अनुमति जारी की। अब हमने वहां काटे हुए पेड़ों की क्षतिपूर्ति बड़े स्तर पर करने की योजना बनाई है। हमें नोटिस मिले थे, तो जवाब दे दिया है।
मनोज मौर्य, उपायुक्त उद्यान शाखा नगर निगम
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