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वन मंत्री को कम मिले पौधे तो आठ अफसरों पर गिरी गाज

locationभोपालPublished: Jun 27, 2019 10:14:12 pm

Submitted by:

anil chaudhary

जानने गए मंत्री : दो डीएफओ और एक एसडीओ को कारण बताओ नोटिस

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भोपाल। वन मंत्री उमंग सिंघार ने शिवराज सरकार के कार्यकाल में दो जुलाई 2017 को सवा सात करोड़ पौधे रोपने की हकीकत सैटेलाइट इमेज पर देखी तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। क्योंकि, 20 दिन पहले ही वन विभाग ने मंत्री को रिपोर्ट दी थी कि 70 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। इसके चलते मंत्री ने बुधवार और गुरुवार को बैतूल वन मंडल का औचक निरीक्षण किया। यहां 15 फीसदी पौधे ही मिले। इससे नाराज मंत्री ने जांच रिपोर्ट देने वाले और पौधरोपण कराने वाले डीएफओ सहित आधा दर्जन वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए।
वन मंत्री उमंग सिंघार ने गुरुवार को बैतूल वनमंडल शाहपुर रेंज की पाठई बीट का औचक निरीक्षण किया। यहां जिन स्थानों पर पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदे गए थे, वहां से सैकड़ों पेड़ गायब हैं। यह देख मंत्री ने मौके पर ही जांच रिपोर्ट तबल की तो पता चला जिस क्षेत्र में 70 फीसदी पौधे जीवित होना बताया गया था, वहां 15 फीसदी ही पौधे दिखे। इस संबंध में डीएफओ सहित वन अमले से पूछा गया तो वे उत्तर नहीं दे पाए। इसको लेकर उन्होंने सीसीएफ और डीएफओ सहित अन्य अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की।
– मंत्री ने ऐसे कराई गणना
मंत्री सिंघार ने कक्ष क्रमांक 227 में सौ बाई सौ के पांच प्लॉट बनाकर पांच टीमों का गठन कर गणना कराई। टीम से मिली रिपोर्ट में यह पाया कि वन अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में 15625 पौधे रोपित होना बताया, लेकिन गड्ढे 9375 ही खोदे गए। गणना में जीवित पौधे मात्र 2343 मिले।
– डीएफओ, एसडीओ और रेंजर पर गिरी गाज
वन मंत्री ने वनकर्मियों के साथ अपने प्रतिनिधियों को साथ रखकर किए भौतिक सत्यापन के बाद उत्तर वन मंडल के तत्कालीन डीएफओ संजीव झा, वर्तमान डीएफओ राखी नन्दा, एसडीओ बीपी बथमा को कारण बताओ नोटिस जारी कर वन मुख्यालय अटैच कर दिया है। वहीं, शाहपुर रेंज के तत्कालीन रेंजर गुलाब सिंह बर्डे, वर्तमान रेंजर जीएस जाटव, वनपाल मूलचंद परते, फिरोज खान और नाकेदार सतीश कवड़े को निलंबित कर दिया है।
शिवराज सरकार का यह भी एक बड़ा घोटाला है। मुख्यालय जो रिपोर्ट भेजी गई थी, उस पर भरोसा नहीं हो रहा रहा था। रिपोर्ट के बाद हमने तकनीक का सहारा लिया। इसके बाद हकीकत जानने मौके पर पहुंचे, जहां घोटाला सामने आया है। इस पूरे मामले में जिन अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई उनके खिलाफ हम सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
– उमंग सिंघार, वन मंत्री
मई में गणना गई थी तो पौधों की जीवित होने का प्रतिशत 35 था। जून में यह घटकर 20 हो गया था। मंत्री ने गुरुवार को गणना कराई तो मात्र 10-15 प्रतिशत ही पौधे जीवित मिले हैं।
– पीसी चंपावत, सीसीएफ, बैतूल
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