शहर से लगे रातापानी अभ्यारण एवं वन मडल भोपाल की समरधा रेंज में कई वन्य ग्राम स्थित है। इन गांवों में हजारों ग्रामीण निवास करते हैं। इन गांवों से ग्रामवासी लगातार शहरी इलाकों में आते-जाते हैं। लेकिन यहां अब तक न तो कोरोना से बचाव की जागरुकता फैली है न ही ग्रामवासियों के पास स्वच्छता और बचाव के साधन ही है। इस दिशा में वन विभाग, तेंदूपत्ता संघ या प्रशासन ने कोई कदम भी नहीं उठाए है। ‘तेंदूपत्ता संघ प्रतिवर्ष इन वन्य ग्रामों के गामीणों के माध्यम से तेंदू पत्ते एकत्र कराता है, संघ के पास बोनस सहित कई मद की राशि जमा रहती है। वन्य गांवों में अधिकांश व्यक्ति संघ से जुड़े रहते हैं, ऐसे में संघ न केवल इन्हें जागरुक कर सकता है। बल्कि स्वच्छता किट, जैसे साबुन, मास्क, सैनेटाइजर जैसी वस्तुओं की किट भी उपलब्ध करा सकता है। संघ की मदद से वन्य ग्रामों ’ केसी मल्ल, सेवानिवृत्त, सहायक वन संरक्षक