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वन ग्रामों तक नहीं पहुंची जागरुकता, तेंदू पत्ता संघ कर रहा निर्देशों का इंतजार

locationभोपालPublished: Mar 30, 2020 09:09:08 pm

Submitted by:

praveen malviya

– वन ग्रामों तक नहीं पहुंची जागरुकता, तेंदू पत्ता संघ कर रहा निर्देशों का इंतजार
– राजधानी से सटे वन्य ग्रामों में जारी है परवाही, न जागरुकता, न संसाधन

वन ग्रामों तक नहीं पहुंची जागरुकता, तेंदू पत्ता संघ कर रहा निर्देशों का इंतजार

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भोपाल. एक ओर शहर में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राजधानी में जहां जमकर प्रचार-प्रसार के साथ लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है वहीं शहर के नजदीक ही स्थित वन्य ग्रामों में जागरुकता की अलख बिल्कुल नहीं पहुंच सकी है। इन ग्रामों में बड़ी संख्या में तंदूपत्ता संघ के श्रमिक निवास करते हैं, जिन तक तेंदुपत्ता संघ की सीधी पहुंच है। लेकिन संघ के जिम्मेदार ग्राम वासियों को जागरुक करने और स्वच्छता किट उपलब्ध कराने के बजाए निर्देशों का इंतजार कर रहा है।

शहर से लगे रातापानी अभ्यारण एवं वन मडल भोपाल की समरधा रेंज में कई वन्य ग्राम स्थित है। इन गांवों में हजारों ग्रामीण निवास करते हैं। इन गांवों से ग्रामवासी लगातार शहरी इलाकों में आते-जाते हैं। लेकिन यहां अब तक न तो कोरोना से बचाव की जागरुकता फैली है न ही ग्रामवासियों के पास स्वच्छता और बचाव के साधन ही है। इस दिशा में वन विभाग, तेंदूपत्ता संघ या प्रशासन ने कोई कदम भी नहीं उठाए है। ‘तेंदूपत्ता संघ प्रतिवर्ष इन वन्य ग्रामों के गामीणों के माध्यम से तेंदू पत्ते एकत्र कराता है, संघ के पास बोनस सहित कई मद की राशि जमा रहती है। वन्य गांवों में अधिकांश व्यक्ति संघ से जुड़े रहते हैं, ऐसे में संघ न केवल इन्हें जागरुक कर सकता है। बल्कि स्वच्छता किट, जैसे साबुन, मास्क, सैनेटाइजर जैसी वस्तुओं की किट भी उपलब्ध करा सकता है। संघ की मदद से वन्य ग्रामों ’ केसी मल्ल, सेवानिवृत्त, सहायक वन संरक्षक

‘ वन्य ग्रामों में संक्रमण से जागरुता के लिए प्रचार और जरुरत की सामग्री की किट वितरित की जा सकती है, इस सम्बंध में तेंदूपत्ता संघ के अधिकारियों के साथ चर्चा करके जल्द निर्णय लिया जाएगा।’ रविन्द्र सक्सेना, सीसीएफ
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