सवाल: इसके सिवा कहां-कहां पौधरोपण कराया गया?
जवाब: वन विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी ३९ लाख से अधिक पौधे लगवाने के लिए प्रदान किए गए। हमने केवल पौध उपलब्ध कराई, इसके बाद रोपण व देखभाल की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की है।
सवाल: पौधरोपण को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग में कोई नवाचार किया गया?
जवाब: स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस व पुलिस की डायल १०० सेवा की तर्ज पर इस बार पौधों की घर पहुंच सेवा शुरू की गई। इसमें दो वाहनों पर कर्मचारी तैनात किए गए। वाहन ने एक मोबाइल नम्बर डिस्प्ले किया था। इस सेवा से शहर में २० हजार पौधों की निशुल्क होम डिलीवरी की कई।
सवाल: वन विभाग की नर्सरी को प्राइवेट नर्सरी की अपेक्षा कम अप-टू-डेट माना जाता है?
जवाब: ऐसा नहीं है, वन विभाग की नर्सरीज को उच्च तकनीक से लैस किया जा रहा है। माइक्रो फॉगर का प्रयोग कर पानी की बचत की जा रही है। पौध उगाने के लिए उच्च तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। मिस्ट चैम्बर, पॉली हाउस, पॉली प्रपोगेटर, रूट ट्रेनर का यूज भी शुरू किया जा रहा है।
सवाल: नर्सरी में उगाए जाने वाले पौधों को रासायनिक खाद व कीटनाशक के दुष्प्रभाव से कैसे बचाएंगे?
जवाब: रासायनिक खाद की जगह नर्सरीज में बायो फर्टिलाइजर्स का प्रयोग किया जा रहा है। वर्मी कम्पोस्ट, सीडोमोनास, एजिटोबैक्टा आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। जहरीले कीटनाशकों की जगह प्राकृतिक तरीके अपनाए जा रहे हैं।
सवाल: भोपाल वनवृत्त के तहत कोई अन्य उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है?
जवाब: सीहोर जिले में ग्रीन इंडिया मिशन के तहत बांसापुर नर्सरी का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इससे यहां गुणवत्तापूर्ण पौधे तैयार करके सीहोर, होशंगाबाद, बैतूल जिलों को प्रदान किए जाएंगे।