आवेदन करने वालों में पूर्व संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल का भी नाम शामिल है।
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव-2019 में विभिन्न राज्यों में चुनाव कराने वाले सभी अधिकारियों की विशेष ट्रेनिंग कराने का निर्णय लिया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव-2019 में विभिन्न राज्यों में चुनाव कराने वाले सभी अधिकारियों की विशेष ट्रेनिंग कराने का निर्णय लिया है।
इसके लिए आयोग ने नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर (एनएलएमटी) की स्पेशल टीम तैयार कर रहा है। आयोग ने ट्रेनरों के चयन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञापन जारी किया था। इसमें यह शर्त रखी गई थी कि जिन अधिकारियों को सीधे तौर पर तीन लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का अनुभव है सिर्फ वही अधिकारी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा आयोग ने यह भी शर्तें रखी थी कि अगर कोई अधिकारी चुनाव के दौरान बड़ी भूमिका और स्टेट लेवल के चुनाव मास्टर ट्रेनर रहा हो, तो उसे प्राथमिकताएं दी जाएगी। इसके लिए भोपाल के पूर्व कलेक्टर मोती सिंह, पूर्व डिप्टी सेक्रेट्री सुरेन्द्र उपाध्याय, पूर्व ज्वाइंट कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने आवेदन किया है। इसके अलावा पूर्व एसडीएम बसंत तिवारी सहित कई राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने भी इसमें अपना आवेदन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में दिया है।
तीन हजार रुपए रोज के हिसाब से मिलेगा मानदेय
प्रशिक्षण के दौरान इन अधिकारियों को तीन हजार रुपए रोज के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें आने-जाने के लिए हवाई और रेल टिकिट उपलब्ध कराया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें ठहरने तथा खाने की सुविधा आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रशिक्षण के दौरान इन अधिकारियों को तीन हजार रुपए रोज के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें आने-जाने के लिए हवाई और रेल टिकिट उपलब्ध कराया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें ठहरने तथा खाने की सुविधा आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
इन अधिकारियों को लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश सहित अलग-अलग राज्यों में अधिकारियों को चुनाव कार्यों की ट्रेनिंग देने के लिए भेजा जाएगा।