औद्योगिक क्षेत्र में कृषि उपज मंडी के सामने हाइवे से चंद दूरी पर खेड़ापति माता का प्रचीन मंदिर है। मंदिर समिति अध्यक्ष चतुरनारायण साहू ने बताया कि मंदिर का निर्माण 2 हजार वर्ग फीट में किया जा रहा है। मंदिर की शिखर सहित कुल ऊंचाई 71 फीट होगी। सबसे पहले मंदिर के लिए आरसीसी स्ट्रेक्चर तैयार किया जा रहा है। इसके बाद यहां कोटा, मारबल, ग्रेनाइट, कांच और पत्थरों को जरूरत के मुताबिक उपयोग किया जाएगा। साहू ने बताया कि मंदिर निर्माण की योजना करीब पांच वर्षो से प्रस्तावित थी, लेकिन निर्माण कार्य अब तक में शुरू हो पाया हैै।
पांच पीढिय़ों से शहर की आस्था का केन्द्र है यह मंदिर
सभी शुभ कार्य मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ शुरूकरते हैं
नवरात्र में रोजाना 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते जल चढ़ाने
पुराने समय में गांव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बनाए जाते थे खेड़े, इसी के नाम पर पड़ा खेड़ापति मंदिर
नवरात्र में 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं
खेड़ापति मंदिर शहर का वह स्थान होता है, जहां पूवर्जो द्वारा गांव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए देवी देवताओं की स्थापना की जाती है। यहां स्थानीय रहवासी घर में होने वाले सभी शुभ कार्य खेड़ापति माता मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद ही शुरू करते हैं। शरदीय व चैत्र नवरात्रि में रोजाना 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु जल चढ़ाने पहुंचते हैं। विवाह से पहले और उसके बाद खेड़ापति माता मंदिर में पूजा-अर्चना कर नवदाम्पत्य का शुभारंभ किया जाता है। मंदिर निर्माण समिति के अनुसार जनसहयोग से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
खेड़ापति माता मंदिर का निर्माण करीब 4 साल से अटका हुआ था, लेकिन अब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नवरात्र से पहले मंदिर की पहली छत डालने की योजना है। सम्पूर्ण मंदिर निर्माण में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है।
बद्री सिंह चौहान, नपा एवं मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष