गरीबों के आयुष्मान कार्ड का अस्पतालों में मनमाफिक उपयोग किया जाता है। कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि मरीज के एक बार भर्ती होने के बाद उनके कार्ड पर ये अन्य मरीजों को भी भर्ती करते हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें भोपाल और ग्वालियर जिले से आई हैं। अस्पताल मरीजों से पैसे भी लेते थे और आयुष्मान का क्लोम भी लेते थे।
फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई के अलावा उनकी मान्यता भी निरस्त की जाएगी। आयुष्मान संबद्धता सूची से बाहर किया जाएगा। प्रबंधन से पूछताछ हो रही है। संदेह पर भर्ती मरीजों से भी चर्चा की जाएगी।
स्टेट हेल्थ एजेंसी ने भोपाल के जिन निजी अस्पतालों में छापामार कार्रवाई की है, उनमें 15 में बड़ी गड़बड़ी मिली हैं। इन पर पेनल्टी लगाई जाएगी। एजेंसी रिपोर्ट अगले हफ्ते तक जारी करेगी। इस बीच जांच भी जारी रहेगी।
: हितग्राहियों से अतिरिक्त पैसे लेना।
: ऐसी सर्जरी करना जो सिर्फ सरकारी अस्पतालों के पैकेज में है।
: अनावश्यक रूप से आइसीयू, एचडीयू में भर्ती कर क्लेम करना। Must Read- 1- आयुष्मान योजना हुई फर्जीवाड़े का शिकार- मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए बिना ही उनके नाम पर बना डाले करोड़ों के बिल