पैसे निवेश करना बताया था
कंपनी के आठों पदाधिकारियों ने मप्र के अलावा राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ में किसानों और खेती से संबद्ध लोगों से ठगी की है। कंपनी का उदयपुर में भी दफ्तर है। कंपनी के पदाधिकारियों ने किसानों को कीटनाशक दवाईयां, कृषि उत्पाद और कृषि उपकरण लेकर कंपनी में पैसे निवेश करना बताया था।
कृषि उत्पाद तो मिलेगा ही साथ ही पैसा भी दोगुना हो जाएगा
वादा किया था कि कीटनाशक-कृषि उत्पाद तो मिलेगा ही साथ ही पैसा भी दोगुना हो जाएगा। लेकिन किसानों को न तो कीटनाशक दवाइयां मिली और न ही कंपनी में निवेश किया गया मूलधन। ईओडब्ल्यू की जांच में अब तक किसानों, आवेदकों से 15 करोड़ रुपए की ठगी सामने आई है।
इन्हें बनाया आरोपी
प्रेमनारायण दांगी, एमडी ग्रीन लीफ सॉइल फर्टीलिटी इंहेंसर प्रालि कंपनी, शाजापुर, सुधीर मिश्रा, संचालक देवास, अंकिता मोरे, इंदौर, जयचंद्र झा एडिशनल डायरेक्टर कंपनी, धार, ओमप्रकाश सोनी डायरेक्टर कंपनी, झालावाड़, राजस्थान, सुनील शेरा एडिशनल डायरेक्टर देवास, तरुण सूर्यवंशी, इंदौर और लालसिंह गुणवान सीहोर को ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया है।
300 बोरी खाद भी दिया जाएगा
इन सभी ने किसानों को झांसा दिया था कि कंपनी में निवेश करने पर 20 महीने तक हर महीने 15 हजार और 13500 रुपए निवेशकों को दिया जाएगा। साथ ही निवेशकों को 210 लीटर कीटनाशक दवाईयां, 300 बोरी खाद भी दिया जाएगा। इसके अलावा निवेश की गई रकम लाभ के साथ वापिस की जाएगी। ठगी के लिए किसानों की आईडी बनाकर बैंकों में पैसे जमा करवाए गए हैं। किसानों के पैसे जमा करवाकर अपने और परिवार वालों के नाम से अलग-अलग जगहों पर अचल संपत्ति बनाई है।
मप्र के किसानों से उदयपुर में की ठगी
कंपनी के एक्सिस बैंक उदयपुर के खाता नंबर 918020050152885, एसबीआई बसंत विहार उदयपुर के खाता नंबर 36564290496 और एचडीएफसी बैंक दुर्गा नर्सरी उदयपुर के खाता नंबर 50200029906130 में किसानों से जनवरी से दिसंबर 2018 के बीच करोड़ों रुपए जमा करवाए गए। बताया जा रहा है कि उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, नीमच आगर, देवास, खरगोन, झाबुआ और धार के लोगों से ही 15 करोड़ रुपए इन खातों में जमा करवाकर ठगी की गई हैं।