शहर के अलग-अलग इलाकों के करीब 50 लोगों से ठगी कर चुका है। पुलिस के पास अब तक 14 शिकायतें आई हैं। पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि आरोपी के पास मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग लिखा हुआ अधिमान्य पत्रकार का कार्ड मिला है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों का भी पता लगा रही है।
खुद के लैपटॉप से छाप लेता था फार्म-रसीद
टीआई वीरेन्द्र सिंह चौहान ने बताया, आरोपी आवास योजना के फार्म, नगर निगम की रसीद खुद ही प्रिंट करता था। इंटरनेट से सरकारी आदेश निकाल कर गरीब बस्तियों में जाकर लोगों को सस्ते दाम में आवास दिलाने का सपना दिखाता था। इससे लोग झांसे में आ जाते थे।
आरोपी एक व्यक्ति से 45 हजार रुपए लेता था। इसमें रजिस्ट्री का खर्च शामिल था। पैसा मिलने के बाद लोगों को मकान दिलाने के लिए टरकाता रहता। हाल ही में ज्योति केवट नाम की महिला ने पुलिस से उसकी शिकायत की थी। उसने बताया था कि सौरभ श्रीवास्तव ने आवास दिलाने के नाम पर उससे 45 हजार रुपए लिए हैं, लेकिन साल भर बीतने को हैं उसे मकान नहीं मिला। ज्योति ने सौरभ द्वारा दी गई नगर निगम की रसीद पुलिस को दिखाई। पुलिस ने जानकारी ली तो रसीद फर्जी निकली।
आरोपी के पास से पुलिस ने लग्जरी कार जब्त किया है। आरोपी ने ठगी की रकम से कार खरीदी थी। कार में एमपी गर्वमेन्ट लिखा है। आरोपी खुद को सरकारी कर्मचारी बताता था। पुलिस बैंक एकाउंट के साथ ही अपराध में परिवार की भूमिका की जांच रही है।