मप्र माटी कला बोर्ड के सीईओ चंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में वर्ष 2016-17 के लिए प्रदेश के तीन शिल्पियों को पुरस्कृत किया गया। इसमें सागर के नीतेश विश्वकर्मा को फस्र्ट, छतरपुर के देवीदीन प्रजापति को सेकंड और नोने लाल प्रजापति को थर्ड प्राइज मिलेगा। प्रथम विजेता को एक लाख, द्वितीय को 50 हजार हजार और तीसरे नंबर के विजेता को 25 हजार रुपए की राशि दी गई। माटी की महक प्रदर्शनी में प्रदेश के करीब 40 से अधिक शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं जो विभिन्न प्रकार के माटी से बने प्रोडक्ट लेकर आए हैं। जिसमें ज्वैलरी, होम डेकोर आइटम्स से लेकर मिट्टी के कुकर, तवा भी शामिल है।
माटी की बोतल में फ्रिज जैसा ठंडा पानी
इस एग्जीबिशन में कुछ प्रोडक्ट ऐसे भी हैं जिन्हें छुए बगैर आप इस बात का अंदाजा ही नहीं लगा सकेंगे कि यह किस मटीरियल से बने हैं। आपको उनके मटीरियल के बारे में जानने के लिए उन्हे छूना ही पढ़ेगा। यहां मिट्टी से बनी बोतल, ग्लास, कप, प्लेट, कटोरी, कड़ाही, फ्राईपैन, तवा से लेकर कुकर तक मौजूद है। एग्जीबिशन में मप्र के अलावा आस-पास के प्रदेशों के शिल्पियों को भी बुलाया जाता है। एग्जीबिशन में मिट्टी से बनी इन बोतलें एग्जीबिट की गई हैं। जो पानी को ठंडा रखने के साथ-साथ उसका स्वाद भी बेहतर करता है। इस बोतल में रखे पानी से आपको किसी तरह की बीमारी भी नहीं होगी।