यहां लगने वाली दुकानों की स्थिति यह ैहै कि चबूतरे भराने के बाद भी आधी से अधिक दुकानें बाहर रोड व खुली जमीन पर लग जाती हैं। यहां खरीदारी करने वाले भी जहां खाली खुली जगह मिलती है, वहीं वाहन पार्क कर देते हैं। जिससे निकलने वालों से लेकर बाजार के पास रहने वालों तक का निकलना मुश्किल हो जाता है।
लोगों का कहना है कि भेल प्रशासन हाट से तय बजारी तो करता है। अगर पेड पार्र्किंग की व्यवस्था करें तो इसमें काम करने वाले लोगों को वेतन भी निकल जाएगा, साथ ही गाडिय़ों के फंसने, रोड जाम होने, क्वार्टरों के बाहर गाडिय़ां खड़ी होना बंद होने के साथ ही गाडिय़ों व सामान की चोरियां भी खत्म हो जाएंगी।
दिन के हिसाब से यहां लगती है हाट-बाजार
रविवार-गुरुवार को गांधी मार्केट पिपलानी
सोमवार-शुक्रवार को गोविंदपुरा में
मंगलवार को हबीबगंज, कस्तूरबा अस्पताल के सामने
बुधवार-शनिवार को विजय मार्केट बरखेड़ा में।
तय बाजारी से लेकर पेड पार्र्किंग की व्यवस्था भेल प्रशासन ठेके पर दे दे तो उसे बंधा हुआ पैसा मिलेगा। व्यवस्था भी बेहतर होगी, क्योंकि यहां टाउनशिप में रहने वालों से ज्यादा इससे लगी सेटेलाइट कॉलोनी के लोग खरीदारी के लिए आते हैं।
कपिल मालवीय, रहवासी अवधपुरी
हाट बाजार लगाने के पीछे उससे कमाई करना भेल का उददेश्य नहीं है। जनहित में यह सारी व्यवस्थाएं पहले से की हुई हैं। अगर लोगों को पार्किंग में ज्यादा समस्या आती है तो इसका निर्णय प्रबंधन ले सकता है।
संजय राजवंशी, प्रवक्ता भेल