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आम 100 रुपए किलो फिर जूस 10 रुपए में कैसे?

locationभोपालPublished: May 07, 2022 12:24:06 am

दिखावे के आम: धड़ल्ले से संचालित हो रही दुकानें, केमिकल से आम, सेब, नींबू का टेस्ट बाजार में
कार्रवाई न होने से मिल रहा बढ़ावा, गिने चुने ही प्रकरण सेहत से हो रहा खिलवाड़
 

आम 100 रुपए किलो फिर जूस 10 रुपए में कैसे?

आम 100 रुपए किलो फिर जूस 10 रुपए में कैसे?

भोपाल. महंगे फलों का जूस शहर में दस गुना कम दामों पर मिल रहा है। ऐसी एक दो नहीं सैकड़ों दुकानें हैं। अधिकांश दुकानों पर फल तो रखे जाते हैं लेकिन यह केवल दिखावे के लिए हैं। अधिकांश जगह केमिकल का उपयोग का इसे तैयार किया जा रहा है। जांच के मामले में दुकानों को अनुमति देने वाले नगर निगम ने जिम्मे से पल्ला झाड़ लिया। फूड विभाग के जरिए गिने चुने मामलों में ही अब तक कार्रवाई हो पाई है।
पेय के नाम पर मुनाफा कमाने का खेल शुरू हो गया है। पड़ताल के दौरान यह हकीकत सामने आई।
न्यू मार्केट, पुराने शहर सहित लिंक रोड और आसपास ऐसी कई दुकानें लगी थी। दस से 15 रुपए गिलास में महंगे फलों के रस के नाम जो पेय बेचा जा रहा है। यह इतना सस्ता कैसे इसके बारे में जब मालूम किया तो पता लगा फलों का तो नाममात्र के लिए ही इनमें प्रयोग हो रहा है। ज्यादातर बाजार में मिलने वाले केमिकल के जरिए इसे तैयार कर रहे हैं।
आम के अलावा नींबू की शिकंजी भी इसी तरह बनाई जा रही है। यहां भी केमिकल का उपयोग हो रहा है। जानकारों ने बताया कि कई हानिकारक केमिकल इसमें होते हैं। लेकिन न तो जांच करने वाले विभाग को परवाह है और न ही जिम्मेदारों को फिक्र। सस्ते दामों पर हर फल का जूस मुहैया कराने वाली दर्जनों दुकानें बाजार में खुल गई। आम सौ रुपए किलो से ज्यादा महंगा है लेकिन इसका जूस दस रुपए गिलास बिक रहा है। इसी तरह डेढ़ सौ रुपए किलो सेब के टेस्ट वाला जूस भी 10 से 15 रुपए में आसानी से मिल जाएगा। नींबू की शिकंजी भी पांच रुपए में मुहैया है।
150 से ज्यादा दुकानें, लाखों का कारोबार
पूरे शहर में मिलावट का ये कारोबार लाखों रुपए का है। डेढ़ सौ से ज्यादा दुकानें नई खुल चुकी हैं। कोल्डस्टोरेज का आम जुमेराती, जनकपुरी, आजाद मार्केट आदि में इन्हें बनाने के सामान का थोक और फुटकर बाजार है, जहां सभी प्रकार के केमिकल एसेंस, सैक्रीन, कलर्स, फ्लेवर्स आदि सामान बड़ी मात्रा में बिक रहा है।

जांच में उलझ जाता है मामला
शहर में संचालित हो रही कई दुकानों के लिए नगर निगम के जरिए अनुमति दी जाती है। अस्थाई दुकानों से वसूली भी निगम करता है। जबकि कार्रवाई के मामलों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की जिम्मेदारी बताई जाती है। जिम्मेदारों ने बताया कि इसे लेकर जल्द कार्रवाई शुरू होगी। इसी के साथ अमले का लेकर भी परेशानी बताई गई।
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यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। गर्मी में ऐसे पेय पदार्थों की जांच की जाएगी। इसके लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। मिलावटी आम, नींबू रस, पाइनेपल, गन्ने का रस बेचने वालों पर कार्रवाई होगी।
– देवेन्द्र दुबे, वरिष्ठ खाद्य निरीक्षक
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इस मामले में फूड विभाग कार्रवाई करता है। यह नगर निगम के अधीन नहीं आती है। निगम के कार्यक्षेत्र में जांच का जो काम आता है वह किया जा रहा है।
– राजेश घेंघट,
सहायक स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
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