दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 18 लाख टन खाद की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 15.40 लाख टन खाद ही मध्यप्रदेश को देना तय किया। इस कारण मध्यप्रदेश में खाद को लेकर किल्लत शुरू हुई, लेकिन इसकी असल वजह स्टॉक खत्म होने तक अतिरिक्त खाद का नहीं पहुंचना रहा। इस कारण अब सरकार ने सभी जिलों में खाद की आपूर्ति बढ़ा दी है। हर जगह मांग के हिसाब से खाद भेजने के लक्ष्य तय कर दिए गए। इसके अलावा सभी जिलों से स्टॉक की जानकारी भी बुलाई गई है। मुख्यालय स्तर पर अभी तक जितनी मांग आई है, उतनी खाद जिलों में भेजी जा चुकी है। एक से दस दिसंबर तक खाद की पूरी आपूर्ति जिलों में की जाएगी। इस कारण अब मैदानी स्थिति को जानने के लिए प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। सरकार ने हर जिले के लिए एक अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को प्रभारी सचिव बनाया है, इस कारण अब इन अफसरों से भी खाद की रिपोर्ट ली जाएगी, ताकि मैदानी हकीकत पता चल सके।
यूं खाद की आपूर्ति तय की-
3 दिसंबर- नीमच, ब्यावरा, विदिशा तथा बालाघाट में एक-एक रैक की आपूर्ति।
4 दिसंबर- विक्रमनगर दो, मांगलिया, मण्डीदीप, बैतूल, सतना, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर में रेक ।
5 दिसंबर- सागर, विदिशा, नरसिंहपुर और रीवा में एक-एक रैक।
6 दिसंबर- खण्डवा, मांगलिया, सीहोर, हरदा में एक-एक वमण्डीदीप में दो रैक।
7 दिसंबर- शाजापुर, सतना और मुरैना में एक-एक रैक।
8 दिसंबर- मांगलिया, इटारसी और मण्डीदीप में एक-एक रैक।
9 दिसंबर- मुरैना, अशोक नगर व शिवपुरी में एक-एक रैक।
10 दिसंबर- दतिया, पिपरिया में एक-एक रैक।
11 दिसम्बर- खण्डवा में रेक पाइंट पर एक यूरिया की रेक पहुंच जाएगी।
इनका कहना-
प्रदेश में कहीं पर भी खाद की किल्लत नहीं है, जिस जिले से जितनी मांग आ रही है उतनी आपूर्ति की जा रही है। केंद्र सरकार भले ही मप्र से भेदभाव कर रही हो, लेकिन मध्यप्रदेश के किसानों को सरकार कोई परेशानी नहीं आने देगी। खाद आपूर्ति की मानीटरिंग भी की जा रही है।
– सचिन यादव, मंत्री, कृषि विभाग, मप्र