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जलयोजना, बदलाव की तैयारी

locationभोपालPublished: Jul 07, 2017 12:00:00 pm

Submitted by:

rajesh khandelwal

कस्बेवासियों की पेयजल समस्या के निराकरण की दिशा में जलदाय विभाग ने साढ़े चार दशक बाद सुध ली है, जबकि नियमानुसार डेढ़ दशक में जलयोजना में आवश्यक बदलाव हो जाने चाहिए थे।

कस्बेवासियों की पेयजल समस्या के निराकरण की दिशा में जलदाय विभाग ने साढ़े चार दशक बाद सुध ली है, जबकि नियमानुसार डेढ़ दशक में जलयोजना में आवश्यक बदलाव हो जाने चाहिए थे।

जलदाय विभाग यदि कस्बे में पेयजल समस्या के प्रति गंभीर रहा होता तो अब तक कस्बेवासी तीन योजनाओं से लाभान्वित हो गए होते। हालांकि अब जलदाय विभाग ने कस्बे में पेयजल समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए राज्य सरकार को 13 करोड़ रुपए की जलयोजना का प्रस्ताव तैयार कर भिजवाया है।
कस्बे में फिलहाल वर्ष 1972 में बनी जलयोजना से ही जलापूर्ति हो रही है। उस समय कस्बे की आबादी 15 हजार थी। उस समय की पाइप लाइनें कुछ क्षतिग्रस्त हो गई तो कुछ सड़क ऊंची होने से काफी नीचे दब गई। वहीं कस्बे की आबादी बढऩे से जलापूर्ति की मांग बढ़ गई। कस्बे की आबादी अब 45 हजार है।
यह है प्रस्ताव में

14 नए टयूवबैल, 3 उच्च जलाशय, एक सीडब्ल्यूआर का निर्माण शामिल है। वहीं पुरानी लाइनों के स्थान पर नई पाइप लाइन डालने का प्रस्ताव है। एक पम्प हाउस भी बनाया जाएगा।
एक गांव भी शामिल किया

प्रस्ताव में कस्बे के साथ भीमनगर गांव को भी शामिल किया है। भीमनगर में भी पेयजल किल्लत बनी रहती है।

-कस्बे में तीन गुणा आबादी बढऩे के बाद भी 45 साल से पेयजल को लेकर कोई स्कीम नहीं बनाई गई। पेयजल योजना में 15 वर्ष में बदलाव जरूरी है। पेयजल समस्या के समाधान को लेकर अच्छी योजना का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया है।
-लक्ष्मणदास जाटव
एईएन, जलदाय विभाग, बयाना।
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