दरअसल, स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में बनने वाले सुपर स्पेशलिटी व मल्टी स्पेशलिटी सहित अन्य अस्पतालों के निर्माण संबंधित प्रस्ताव सीएम कमलनाथ के सामने रखे थे। दरअसल, प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा नए सुपर स्पेशलिटी व मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल शुरू होना है। इसके लिए इन अस्पतालों में निर्माण सहित अन्य काम के प्रस्ताव चल रहे हैं। इसमें आवास निर्माण की योजना भी है, ताकि अस्पताल का स्टॉफ परिसर में ही रहे।
इन अस्पतालों में भविष्य की जरूरतों के हिसाब से आवास निर्माण की योजना बनाई गई थी। सीएम के सामने जब यह प्रस्ताव पेश हुए, तो उन्होंने पाया कि यह बहुत ज्यादा है। सीएम ने इन आवासों को करीब आधा करने के निर्देश दे दिए। सीएम ने निर्देश दिए है कि अस्पताल की वास्तविक जरूरत के हिसाब से ही निर्माण काम किए जाए। अब आवास निर्माण कार्य का पूरा प्लान चेंज होगा।
सरकारी खजाने की चिंता-
सरकारी खजाने के खस्ताहाल के कारण सरकार खर्चों में कटौती कर रही है। इस कारण निर्माण पर भी लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। नए निर्माण काम भी फिलहाल मंजूर नहीं किए जा रहे इसी मितव्ययता के चलते अस्पतालों में स्टॉफ के लिए बनने वाले आवास भी घटाए गए हैं, ताकि इनके निर्माण का बजट भी आधा हो जाए। पूरे प्रोजेक्ट में बीस फीसदी राशि का अंतर आएगा। इसी कारण नए सिरे से प्रस्ताव बनेगा।