आपको बता दें कि किन्नरों के अंतिम संस्कार के बारे में भी कम ही लोग जानते हैं। जानते हैं, कैसे होता है किन्नरों का अंतिम संस्कार और क्या रस्में की जाती हैं। आज हम आपको बताते है कि कैसे किया जाता है किन्नरों का अंतिम संस्कार…
पहले से हो जाता है आभास
कहा जाता है कि कई किन्नरों के पास आध्यात्मिक शक्ति होती है, जिससे उन्हें मौत का आभास हो जाता है। जब भी किसी किन्नर की मौत होने वाली है तो ये कहीं भी आना-जाना और यहां तक कि खाना भी बंद कर देते हैं। इस दौरान वे सिर्फ पानी पीते हैं और ईश्वर से अपने और दूसरे किन्नरों के लिए दुआ करते हैं कि अगले जन्म में वे किन्नर न बनें। साथ ही आसपास और दूरदराज के किन्नर मरते हुए किन्नर की दुआ लेने आते हैं। किन्नरों में मान्यता है कि मरणासन्न किन्नर की दुआ काफी असरदार होती है।
दफनाया जाता है शव
आपको बता दें कि किन्नरों में शव को जलाने की बजाए दफनाया जाता है। इनका अंतिम संस्कार भी गुप्त तरीके से और सादे ढंग से होता है। सबसे पहले शव को सफेद कपड़े में लपेट दिया जाता है, ये प्रतीक है कि मृतक का अब इस शरीर और इस दुनिया से सारा नाता टूट चुका है। मुंह में किसी पवित्र नदी का पानी डालने का भी रिवाज है, इसके बाद उसे दफन किया जाता है.
हो सकता है खतरनाक
मृत किन्नर के शरीर का रात के समय अंतिम संस्कार इसलिए किया जाता है क्योंकि कोशिश की जाती है कि समुदाय से बाहर का कोई इंसान न देख सके, इसके लिए किन्नर सारे जतन करते हैं, यही वजह है कि देर रात में ही अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर उन्हें भनक भी लग जाए कि बाहरी व्यक्ति अंतिम संस्कार देख रहा है तो ये उस दर्शक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।