ऐसे में तीखी सर्दी में प्रभु को कष्ट न हो, इसके लिए भक्तों ने विशेष इंतजाम किए है। शीतकाल शुरू होते पुष्टिमार्ग के सभी हवेलियों में प्रभु श्रीनाथ जी के सुख का विचार करते हुए विशेष उपाय किए गए है तो बाबा भोलेनाथ को अलाव दिखाया जा रहा है। भगवान के साथ उनके परिवार और गण नंदी भी गर्म वस्त्र पहने हुए हैं।
ऐसे में ठंड से बचाने के लिए भोपाल स्थित श्री बड़वाले महादेव मंदिर में सर्दी बाबा का प्रतिदिन संध्या आरती से पूर्व अलाव जलाया जाता है। वहीं बाबा बटेश्वर के शिव-परिवार को गर्म वस्त्र पहनाएं है। हनुमान जी ने भी ऊनी स्वेटर पहना हुआ है तो शिव परिवार के सभी सदस्य और उनके गण नंदी तक ने गर्म वस्त्र धारण किए हैं। इसके अलावा इस मंदिर में प्रदोष पर विशेष अलाव जलाया जाता है।
ऐसे समझें आज का दिन…
आज 4 जनवरी 2020 को शनिवार का दिन है। इस दिन के कारक देव शनिदेव माने गए हैं, वहीं इस दिन बजरंगबली की पूजा का भी विधान है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है। इसका रत्न नीलम होता है।
आज 4 जनवरी 2020 को शनिवार का दिन है। इस दिन के कारक देव शनिदेव माने गए हैं, वहीं इस दिन बजरंगबली की पूजा का भी विधान है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है। इसका रत्न नीलम होता है।
ज्योतिष में शनि एक क्रूर ग्रह है, परंतु यदि शनि कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है। वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बड़ा महत्व है। हिन्दू ज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है। तुला राशि शनि की उच्च राशि है जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है।
जानिये आज जन्म लिए बच्चे का भविष्य… future of today’s child birth आज जन्म लिए बच्चों के नाम (ची, चू, चे, चो, ला) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म सोने के पाए में होगा। सूर्योदय से प्रात: 10.04 मि. तक मीन राशि रहेगी पश्चात मेष राशि रहेगी। आज जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं।
ऐसे जातक शरीर से सशक्त होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 18 वर्ष की आयु में होगा। इनकी संकल्प व कल्पना शक्ति मजबूत होगी। कला व विज्ञान विषय के ज्ञाता होंगे। मीन राशि में जन्मे जातक को कठोर भाषाशैली से बचना चाहिए। मेष राशि में जन्मे जातक को विकारयुक्त होने से बचना चाहिए।
शुभ विक्रम संवत् : 2076
संवत्सर का नाम : परिधावी
शाके संवत् : 1941
हिजरी संवत् : 1441
मु.मास : जमादि उल अव्वल 08
अयन : दक्षिणायण
ऋतु : शिशिर ऋतुु
मास : पौष
पक्ष : शुक्ल पक्ष 04 जनवरी 2020 शनिवार : सूर्योदयकालीन लग्न व ग्रह स्थिति …
संवत्सर का नाम : परिधावी
शाके संवत् : 1941
हिजरी संवत् : 1441
मु.मास : जमादि उल अव्वल 08
अयन : दक्षिणायण
ऋतु : शिशिर ऋतुु
मास : पौष
पक्ष : शुक्ल पक्ष 04 जनवरी 2020 शनिवार : सूर्योदयकालीन लग्न व ग्रह स्थिति …
तिथि
सूर्योदय से अर्धरात्रि 01.32 मि. तक रिक्ता संज्ञक नवमी तिथि रहेगी पश्चात पूर्णा संज्ञक दशमी तिथि लगेगी। नवमी तिथि में दुर्गा की पूजा करके मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा संग्राम में वह सदा विजय प्राप्त करता है। दशमी तिथि को यम् की पूजा करनी चाहिए, वे निश्चित ही सभी रोगों को नष्ट करने वाले और नरक तथा मृत्यु से मानव का उद्धार करने वाले है?।
सूर्योदय से अर्धरात्रि 01.32 मि. तक रिक्ता संज्ञक नवमी तिथि रहेगी पश्चात पूर्णा संज्ञक दशमी तिथि लगेगी। नवमी तिथि में दुर्गा की पूजा करके मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा संग्राम में वह सदा विजय प्राप्त करता है। दशमी तिथि को यम् की पूजा करनी चाहिए, वे निश्चित ही सभी रोगों को नष्ट करने वाले और नरक तथा मृत्यु से मानव का उद्धार करने वाले है?।
योग
सूर्योदय से रात्रि 11.54 मि. तक शिव योग रहेगा पश्चात सिद्ध योग लगेगा। शिव योग के स्वामी मित्र देव माने जाते हैं, जबकि सिद्ध योग के स्वामी कार्तिकेय माने गए हैं। विशिष्ट योग
शिव एवं सिद्ध दोनों ही योगों को समस्त कार्य की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इन दोनों योगों में किए गए कार्य के सफल होने की प्रबल संभावना रहती है।
सूर्योदय से रात्रि 11.54 मि. तक शिव योग रहेगा पश्चात सिद्ध योग लगेगा। शिव योग के स्वामी मित्र देव माने जाते हैं, जबकि सिद्ध योग के स्वामी कार्तिकेय माने गए हैं। विशिष्ट योग
शिव एवं सिद्ध दोनों ही योगों को समस्त कार्य की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इन दोनों योगों में किए गए कार्य के सफल होने की प्रबल संभावना रहती है।
करण
सूर्योदय से प्रात: 11.30 मि. तक बालव नामक करण रहेगा पश्चात कौलव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात तैतिल नामक करण लगेगा। नक्षत्र
सूर्योदय से प्रात: 10.04 मि. तक मृदु मैत्री रेवती रहेगा इसके बाद क्षिप्र लघु अश्विनी नक्षत्र लगेगा। अक्षर ज्ञान, अध्ययन, अध्यापन,धार्मिक प्रवचन, स्कूल कॉलेज, पुूस्तकालय आदि के संचालन के लिए रेवती शुभ रहते हैं। औषधि एवं रसायन के निर्माण, औषधि सेवन, सर्जरी अैर चिकित्सा संबंधी अन्य कार्यों के लिए अश्वनी नक्षत्र शुभ माने गए हैं।
सूर्योदय से प्रात: 11.30 मि. तक बालव नामक करण रहेगा पश्चात कौलव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात तैतिल नामक करण लगेगा। नक्षत्र
सूर्योदय से प्रात: 10.04 मि. तक मृदु मैत्री रेवती रहेगा इसके बाद क्षिप्र लघु अश्विनी नक्षत्र लगेगा। अक्षर ज्ञान, अध्ययन, अध्यापन,धार्मिक प्रवचन, स्कूल कॉलेज, पुूस्तकालय आदि के संचालन के लिए रेवती शुभ रहते हैं। औषधि एवं रसायन के निर्माण, औषधि सेवन, सर्जरी अैर चिकित्सा संबंधी अन्य कार्यों के लिए अश्वनी नक्षत्र शुभ माने गए हैं।
शुभ मुहूर्त
आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में पश्चिम दिशा में धार्मिक यात्रा करने के लिए शुभ मुहूर्त है। श्रेष्ठ चौघडि़ए
चौघडिय़ा के अनुसार समय –
प्रात: 08.29 मि. से 09.49 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा एवं दोपहर 12.28 मि. से 04.28 मि. तक क्रमश: चंचल लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे।
आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में पश्चिम दिशा में धार्मिक यात्रा करने के लिए शुभ मुहूर्त है। श्रेष्ठ चौघडि़ए
चौघडिय़ा के अनुसार समय –
प्रात: 08.29 मि. से 09.49 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा एवं दोपहर 12.28 मि. से 04.28 मि. तक क्रमश: चंचल लाभ व अमृत के चौघडिय़ा रहेंगे।
व्रतोत्सव
: चंद्रमा – सूर्योदय से प्रात: 10.04 मि. तक चंद्रमा जल तत्व की मीन राशि में रहेंगे पश्चात अग्नि तत्व की मेष राशि मेंप्रवेश करेंगे।
: पंचक – प्रात: 10.04 मि. पर समाप्त होंगे।
: दिशाशूल- पूर्व दिशा में। (अगर हो सके तो आज के दिन पूर्व दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)।
: राहु काल – प्रात: 09.49.08 से 11.09.01 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
: चंद्रमा – सूर्योदय से प्रात: 10.04 मि. तक चंद्रमा जल तत्व की मीन राशि में रहेंगे पश्चात अग्नि तत्व की मेष राशि मेंप्रवेश करेंगे।
: पंचक – प्रात: 10.04 मि. पर समाप्त होंगे।
: दिशाशूल- पूर्व दिशा में। (अगर हो सके तो आज के दिन पूर्व दिशा में यात्रा को टालना चाहिए)।
: राहु काल – प्रात: 09.49.08 से 11.09.01 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।