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प्रदेश के दो शहरों में होगा जी-20 शिखर सम्मेलन, जानें क्या है इसका महत्व

locationभोपालPublished: Jul 05, 2022 05:47:48 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अंतराष्ट्रीय प्रतिभागियों के लिए व्यवस्था करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समन्वय समिति का गठन

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भोपाल. मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल शहरों में जी-20 समिट का आयोजन होने जा रहा है। इसमें भाग लेने आने वाले अंतराष्ट्रीय प्रतिभागियों के प्रवास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समन्वय समिति का गठन हुआ है। समन्वय समिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन, गृह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के सदस्य शामिल रहेंगे।

प्रदेश के दो शहरों इंदौर और भोपाल में होने वाली जी-20 समूह की बैठकों के दौरान अन्तर्राष्ट्रीय आतिथियों के आवास और सुरक्षा व्यवस्था हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन द्वारा समन्वय समिति का गठन किया गया। इसके लिए प्रमुख सचिव पर्यटन को सदस्य सचिव और नोडल अधिकारी बनाया गया है। आपको बता दें, 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 की अवधि में भारत जी-20 समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है। इस दौरान देश में अलग-अलग जगहों पर 190 से ज्यादा बैठकें आयोजित की जानी हैं।

क्या होता है, जी-20 शिखर सम्मेलन
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। G20 के सदस्य हैं: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, और यूरोपीय संघ। प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रपति अतिथि देशों को भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।

जी 20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। इसके सदस्य विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 80 प्रतिशत से अधिक, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और ग्रह की आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं। मंच 1999 से हर साल मिलता है, 2008 से वार्षिक जी 20 लीडर्स समिट के लिए नेताओं की बैठक होती है। इस सम्मेलन में सभी देशों के मुख्य विषय आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वास्थ, आतंकवाद और अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

जी-20 की स्थापना
सन 1977 में एक वित्तीय संकट के चलते हुई, उस संकट को देखते हुए विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों ने ऐसे संकटों से बचने के लिए एक समूह बनाने पर सहमति जताई, जिससे वित्तीय संकट के आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वास्थ, आतंकवाद और अन्य जरूरी मुद्दों पर अपने विचार साझा कर सकें और संकट से बचने के उपाय कर सकें। इसके बाद 1999 में जी-20 की स्थापना की गई।


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