महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर राजधानी भोपाल में कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गये। इस दौरान रघुपति राघव राजाराम की धुन पर रोशनपुरा चौराहने से पदयात्रा निकाली गई। राष्ट्रपिता गांधी जयंती पर मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने जनसंपर्क संभागीय कार्यालय में प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मोहनदास करमचंद गांधी ने हमेशा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारतीय लोगों को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। यह बात प्रदर्शनी में चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया। भारत में ही गांधी जी को पहली बार ‘महात्मा’ कहकर बुलाया था। जिसका अर्थ है महान आत्मा।
13 साल की उम्र में महात्मा गांधी ने कस्तूरबा से शादी की थी। गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की और उसके बाद 1891 में वापस लौट आए थे। इस दौरान उन्होंने भारत की आजादी के लिए कई आंदोलन चलाए, जिसमें उन्होंने कई भाषण दिए। जिन्हें आज भी लोग सुनते हैं।
महात्मा गांधी जी के सत्य और अहिंसा की विचारधारा प्रभावित किया। गांधी जी ने कश्मीर मुद्दा, मद्रास में भाषण, दांडी मार्च, गोलमेज सम्मेलन, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, भारत छोड़ो आंदोलन, अंतर एशियाई संबंध सम्मेलन और अंतिम उपवास की पूर्व संध्या समेत उनके कई ऐसे भाषण प्रदर्शनी में शामिल थे।