काम शुरू कर दिया है
पीडब्ल्यूडी ने इस प्रस्ताव को तैयार किया था। इस पर अब काम शुरू हो गया है। इसके तहत सभी हॉस्टल, कैंटीन, खेल मैदान और कॉलेज बिल्डिंग के साथ-साथ हमीदिया अस्पताल का एरिया भी शामिल किया गया है। जीएमसी के नवनियुक्त डीन डॉ. टीएन दुबे ने बताया कि मेडिकल छात्रों को सुरक्षा और सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता में है। हमने इस पर काम शुरू कर दिया है।
नई बिल्डिंग में शिफ्ट होंगी छात्राएं
गर्ल्स हॉस्टल के एच ब्लॉक में छात्रा से हरकत होने के बाद जीएमसी प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस हॉस्टल की सभी छात्राओं को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। छात्राओं के लिए हॉस्टल की नई बिल्डिंग का काम पहले से चल रहा है, जिसमें फिनिशिंग का काम बाकी है। एक महीने में यहां फर्नीचर, खिड़की-दरवाजों के साथ पुताई और लाइटिंग का काम हो जाएगा। इसके बाद एच ब्लॉक की छात्राओं को यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।
अस्पताल से अलग होगा कॉलेज केम्पस
जल्द ही मेडिकल कॉलेज क्षेत्र को अस्पताल से अलग किया जाएगा। इस एरिया में कॉलेज बिल्डिंग, प्रशासनिक भवन, छात्र व छात्राओं के हॉस्टल और खेल मैदान को जोड़कर उसकी सुरक्षा सख्त की जाएगी। यहां सघन जांच के बाद ही बाहरी व्यक्ति को प्रवेश दिया जाएगा। 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और गश्त की व्यवस्था की जा रही है। कैंटीन का ठेका भी बदला जाएगा।
निजी हाथों में होगी कैंटीन
जीएमसी की कैंटीन का टेंडर कर बहुत जल्द उसे निजी हाथों में सौंपा जाएगा। हालांकि अभी भी इस कैंटीन का संचालन ठेकेदार द्वारा ही किया जा रहा है, लेकिन पिछले कई वर्षों से एक ही व्यक्ति द्वारा इसको संचालित कर रहा है। इस कैंटीन पर बाहरी व्यक्तियों का जमावड़ा ज्यादा रहता है। जबकि यह कैंटीन सिर्फ मेडिकल स्टूडेंट के लिए बनाई गई है।
हमीदिया रहेगा पूरी तरह ओपन
जीएमसी की सुरक्षा व्यवस्था में हमीदिया अस्पताल को पूरी तरह ओपन रखा जाएगा। ताकि यहां आने वाले मरीज और उनके परिजनों को कोई परेशानी न हो। हमीदिया अस्पताल से मिलने वाले पास को दिखाकर मरीज व उसके परिजन कैंपस में कहीं भी आ- जा सकेंगे।