भोपालPublished: Sep 19, 2023 04:03:53 pm
Ashtha Awasthi
Ganesh Chaturthi 2023: गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रमास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है। श्रीगणेश को सभी देवों में प्रथम पूज्य माना जाता है। शिवगणों के अध्यक्ष होने के कारण इन्हें गणेश और गणाध्यक्ष भी कहा जाता है। भगवान श्री गणेश मंगलमूर्ति भी कहे जाते हैं, क्योंकि इनके सभी अंग जीवन को सही दिशा देने की सीख देते हैं। जानिए किस अंग से हमें क्या सीख मिलती है.....
ज्ञान की पाठशाला हैं गणपति के अंग
एकदंत- पौराणिक कथा के अनुसार बाल्यकाल में भगवान गणेश का परशुराम जी से युद्घ हुआ था। इस युद्घ में परशुरामजी ने अपने फरसे से भगवान गणेश का एक दांत काट दिया। उस समय से ही गणेश जी एकदंत कहलाने लगे। गणेश जी ने अपने टूटे हुए दांत को लेखनी बना लिया और इससे पूरा महाभारत ग्रंथ लिख डाला। यह गणेश जी की बुद्घिमत्ता का परिचय है। गणेश जी अपने टूटे हुए दांत से यह सीख देते हैं कि चीजों का सदुपयोग किस प्रकार से किया जाना चाहिए।