महिला आयोग ने सीएम को लिखा पत्र
उधर गैंगरेप पर हंसने वाली भोपाल की पूर्व रेल एसपी अनीता मालवीय के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महिला आयोग ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा, जिसमें महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की।
लता वानखेड़े ने लिखा है कि लोक सेवक के कर्तव्यों की अवहेलना करने वाली अधिकारी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए। चूंकि अधिकारी भी महिला है और एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म को वह मजाक के रूप में ले रही थीं। अधिकारी का स्थानांतरण बस किसी तरह से उनकी प्रवृत्ति नहीं बदल सकता।
42 कोचिंग सेंटरों में मिलीं थी खामियां, न तो सीसीटीवी कैमरे लगे थे, न प्रॉपर एंट्री थी
भोपाल। एमपी नगर जोन वन स्थित हॉस्टल और जोन टू स्थित ४२ कोचिंग सेंटरों की जांच में ही कई खामियां सामने आईं थीं। कहीं सीसीटीवी कैमरे नहीं थे, कई जगह कैमरे प्रॉपर काम नहीं कर रहे थे। हॉस्टल से आने जाने के समय की एंट्री प्रॉपर नहीं थी।
कहीं सुरक्षा की कमी देखने को मिली।
यह बात छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एक साल पहले जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा की गई हॉस्टल और कोचिंग सेंटरों की जांच में सामने आई थी। इसी तरह के सात बिंदुओं पर रिपोर्ट शासन के पास भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इसमें कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। छात्र-छात्राओं के सुसाइड रोकने गठित की गई विधानसभा कमेटी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को पत्र लिखकर कोचिंग और हॉस्टल की जानकारी मांगी थी। उनमें क्या परेशानियां हैं, क्या एेसी खामियां हैं जिनसे छात्र-छात्राओं को परेशानी हो सकती है। इसके लिए जिम्मेदारी एडीएम हेडक्वार्टर दिशा नागवंशी को दी थी। उन्होंने अलग-अलग नजूल दफ्तरों के अधिकारियों को पत्र जारी कर अपने-अपने क्षेत्रों के हॉस्टल और कोचिंग सेंटरों की जांच करने के निर्देश दिए थे। शहर में एमपी नगर जोन वन और टू के अलावा होशंगाबाद रोड, गोविंदपुरा क्षेत्र, कोलार, नीलबड़ क्षेत्र की कोचिंग और हॉस्टलों की जांच कर रिपोर्ट एडीएम को सौंप दी। रिपोर्ट कम्पायल होकर शासन के पास भी चली गई, लेकिन अभी तक ये रिपोर्ट एेसे ही पड़ी है। गठित की गई कमेटी का भी कोई अता पता नहीं है।
कमेटी के सदस्य भी झांकने तक नहीं गए
कमेटी के सदस्यों को कोचिंग में जाकर खुद छात्र-छात्राओं से बात कर उनकी परेशानी जाननी थी, लेकिन इस मामले को भी हल्के में लिया गया। कमेटी भोपाल से कोटा होकर आ गई, लेकिन भोपाल में रहते हुए भोपाल की कोचिंग में नहीं गए।