जेके हॉस्पिटल पर हालाब खराब
कोलार रोड के जेके हॉस्पिटल और एलएन मेडिकल कॉलेज के पास कई टन कचरा पटका गया है। कोलार क्षेत्र का यह सबसे बड़ा हॉस्पिटल है, जहां रोजाना हजारों मरीज और स्टूडेंट्स का आवागमन रहता है। कई मरीज एडमिट रहते हैं। आसपास कई कॉलोनियां हैं। कचरा जलाए जाने से मरीज, तीमारदार और रहवासी परेशान होते हैं।
यहां कचरा कलेक्शन सेंटर
टीटी नगर दशहरा मैदान के पास, यादगार-ए-शाहजहानी पार्क के पीछे खेल मैदान, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के पास, बरखेड़ा पठानी, आनंद नगर और सीहोर नाका सहित 14 जगह अस्थाई कचरा खंतियां हैं।
जलाया जा रहा टनों कचरा
शहर में रोजाना करीब 850 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। निगम इसमें से महज 250 मीट्रिक टन कचरा ही उठाता है। बाकी 600 मीट्रिक टन कचरा सडक़ों, गली-मोहल्लों के साथ ही अस्थाई कचरा खंतियों में डंप रहता है। खंतियों में जैसे ही कचरा बढ़ता है, निगम कर्मचारी आग लगा देते हैं, ताकि वह कम हो जाए।
पल्मोनरी डिसीज का खतरा
श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएन अग्रवाल का कहना है कि कचरा जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं। हवा में पार्टिकुलेट मैटर (जहरीले कण) की मात्रा बढ़ जाती है, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। नवजात और गर्भवती महिलाओं के लिए यह ज्यादा घातक है।
नगर निगम स्वच्छता के प्रति संकल्पित है। कचरा उचित तरीके से निष्पादित किया जाता है। हॉस्पिटल के पास कचरा जलाने के मामले को दिखवाता हूं। कचरा जलाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– राजेश राठौड़, अपर आयुक्त, नगर निगम