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नालों में 500 टन से अधिक कचरा जमा

locationभोपालPublished: Sep 08, 2018 04:03:14 pm

Submitted by:

manish kushwah

पुराने शहर के नालों की नहीं की जाती सफाई

old bhopal

नालों में 500 टन से अधिक कचरा जमा

भोपाल. कहने को देश में भोपाल दूसरा सबसे साफ शहर है, लेकिन नाले- नालियों की स्थिति हकीकत कुछ अलग बयां कर रहे हैं। राजधानी में सबसे अधिक नाले- नालियां पुराने शहर में है। लगभग 30 नालों में से 18 में जलनिकासी का अभाव है। यह खुलासा नाले की सफाई करने वाले जिम्मेदार नगर निगम के कर्मियों ने की है। इसकी मुख्य वजह कचरे का ढेर है, जिसमें 80 फीसदी पालिथिन है, जोकि नालों पर पुल- पुलियों के बीच फंसे हुए हैं।

नगर निगम के सूत्रों के अनुसार पूरे शहर के बड़े नालों में 500 टन से ज़्यादा कचरा जमा है, जिसमें से पॉलीथिन सबसे अधिक है। पुल- पुलियों के बीच फंसे होने से इनसे जलनिकासी नहीं हो पा रही है। इस कारण थोड़ी सी बारिश में भी नाले उफान पर आ जाते हैं। जलभराव के अभाव में बारिश का पानी सड़कों, गलियों और तो और घरों में भर जाता है।

80 फीसदी पॉलीथिन फेंकते हैं नालों में
जलभराव की वजह प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से पॉलिथिन का उपयोग होना है। अधिकतर घरों में लोग गीला या सूखा कचरा पॉलीथिन में भरकर नालों- नालियों में फेंक देते हैं। अधिकतर ज़्यादा पॉलिथिन रोज नाली में फेंके जा रहे हैं। भोपाल में बारिश होते ही पानी निकासी के तमाम इंतज़ामों की पोल खुल जाती है। नगर निगम भले ही बारिश से पहले नालों की सफाई का दावा करती है, लेकिन असलियत तब सामने आयी जब दो बच्चे नाले में बहकर काल में समा गए। निगम कर्मियों के अनुसार पंचशील नगर के नाले में बहे बच्चे की लाश एकता पार्क पास पुलिया के नीचे मिली। लाश पॉलिथिन के ढेर में फंसी हालत में मिली। इसके बाद निगम ने सर्वे करवाया, तो पता चला कि नाले में कई टन पॉलीथिन पड़ा हुआ है।

ये है स्थिति
नगर निगम को करोड़ों रुपए का बजट मिलता है। उसके बाद भी नाले-नालियों का ये हाल है। सर्वे के अनुसार नए और पुराने शहर में 789 नाले-नालियां हैं। इनमें से 30 फीसदी नाले पुराने शहर के इलाकों से गुजरे हैं। इनमें करोड़ों टन प्लास्टिक कचरा जमा है। 139 नालों पर दो हज़ार से ज़्यादा अतिक्रमण हैं। बारिश होते ही इनके किनारे बसी बस्तियों में बाढ़ के हालात हो जाते हैं।

शहर के नालों- नालियों में पॉलीथिन के कारण जलभराव की स्थिति हो रही है। बारिश के बाद नालों को पॉलीथिन मुक्त करने का अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही बाजारों में भी पॉलीथिन जब्ती का मुहिम चलेगी।
– हरीश गुप्ता, उपायुक्त, नगर निगम

 

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