जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में लगाई जानी थी. पर अब इसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल में लगाया जा रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों के बावजूद इंदौर को यह मशीन नहीं मिलना वहां के डाक्टरों और चिकित्सा जगत को परेशान कर रहा है।
केंद्र शासन ने कोरोना के विभिन्न् वैरिएंट सामने आने के बाद मध्यप्रदेश में पांच जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन स्थापित करने का निर्णय लिया था। प्रदेश में इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मिलने की वजह से इनमें से एक मशीन इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में लगाई जानी थी। बताते हैं कि इसके लिए मेडिकल कालेज को मशीन की कीमत जमा करानी थी लेकिन राशि जमा नहीं कराई गई। जानकारी के अनुसार बजट के अभाव में मेडिकल कालेज प्रबंधन यह राशि जमा नहीं करा पाया. तब इसे भोपाल में लगाने का निर्णय लिया गया. फिलहाल कोरोना के वैरिएंट का पता लगाने के लिए इंदौर से सैंपल भोपाल और दिल्ली भेजने पड़ रहे हैं। इन दोनों जगहों से रिपोर्ट मिलने में कई सप्ताह लग जाते हैं।
एमजीएम मेडिकल कालेज इंदौर के डीन डा. संजय दीक्षित ने इस सूचना पर निराशा जताई है. इस संबंध में उनका कहना है जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की इंदौर को जरूरत हे. यहां की बजाय भोपाल में लगाए जाने की सूचना मिलने के बाद से हम प्रयास कर रहे हैं कि यह मशीन हर हाल में इंदौर में ही स्थापित हो। हम इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर रहे हैं।