scriptप्रॉपर्टी खरीद फरोख्त में पारदर्शिता लाने 4113 लोकेशन की जियो टैगिंग, हर प्रॉपर्टी की एक आइडी | Geo tagging of 4113 location to bring transparency in property purcha | Patrika News

प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त में पारदर्शिता लाने 4113 लोकेशन की जियो टैगिंग, हर प्रॉपर्टी की एक आइडी

locationभोपालPublished: Nov 29, 2021 08:51:36 pm

– सम्पदा टू में जियो टैगिंग सिस्टम लागू होते ही कलेक्टर गाइडलाइन में स्टाम्प चोरी से लेकर फर्जी तरीके से खरीद फरोख्त पर कसेगा शिकंजा

प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त में पारदर्शिता लाने 4113 लोकेशन की जियो टैगिंग, हर प्रॉपर्टी की एक आइडी

– सम्पदा टू में जियो टैगिंग सिस्टम लागू होते ही कलेक्टर गाइडलाइन में स्टाम्प चोरी से लेकर फर्जी तरीके से खरीद फरोख्त पर कसेगा शिकंजा

भोपाल. प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त में पारदर्शिता और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जिले की 4113 लोकेशन की जियो टैगिंग की जा रही है। इसका फायदा ये होगा की रजिस्ट्री करते समय स्टाम्प में हेराफेरी नहीं हो पाएगी। गली के अंदर प्लॉट बताकर कॉर्नर प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। कलेक्टर गाइडलाइन की दर भी उसी पर अंकित रहेगी। जिसे गूगल मैप पर आसानी से देखा जा सकेगा। हर प्रॉपर्टी चाहे वो नगर निगम सीमा में हो या ग्रामीण क्षेत्र में सभी का एक अलग आइडी नंबर होगा। इससे रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा कर प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त भी रुकेगी क्योंकि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराते समय संबंधित आइडी सॉफ्टवेयर में शो होगी। जिससे ट्रेस हो जाएगा वो किसके नाम है। इससे निगम को बकाया टैक्स लेने में भी आसानी रहेगी। ये सब सम्पदा टू में हो रहा है। लोकेशनों की जियो टैगिंग का काम शुरू हो चुका है।

अभी कलेक्टर गाइडलाइन में प्रॉपर्टी की कीमत देखपाना आम आदमी के लिए आसान नहीं है। पहले गाइडलाइन को डाउनलोड करो। जो चार, पांच सौ पन्नों की है। जियो टैगिंग के बाद क्षेत्र के नाम से आसानी से लोकेशन खुलकर सामने आ जाएगी। प्लॉट कॉर्नर, रोड साइड, कौन सा मुखी सब गूगल मैप के नक्शे पर ही दिखेगा। रजिस्ट्री में कितना स्टाम्प लगेगा, इसकी गणना भी खुद कर सकेंगे।

20 मिनट की रजिस्ट्री 10 मिनट में

सम्पदा टू में रजिस्ट्री प्रक्रिया को और फास्ट किया गया है। इसमें स्लॉट बुक करने के बाद सर्विस प्रोवाइडर के यहां पूरी तैयारी होने के बाद 10 मिनट में रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर दफ्तर से निकल सकेंगे। अभी 20 मिनट तक इस प्रक्रिया को पूरा करने में लग जाते हैं। अगले वित्तिय वर्ष से समय की बचत और होगी।

आधार से जुड़ेगी रजिस्ट्री, बढ़ेगी परदर्शिता
सम्पदा टू में ही रजिस्ट्री को आधार से लिंक किया जा रहा है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, ब्लैक मनी से प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त कम होगी। लोन, सब्सिडी और प्रॉपर्टी डिटेल पता करना और आसान होगा। इसी में भू अभिलेख और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का रिकॉर्ड भी जुड़ेगा।

ये है सम्पदा टू

मप्र में मेप आइटी की तरफ से तैयार किए गए सम्पदा सॉफ्टवेयर पर ई रजिस्ट्री होती है। 1 जुलाई को इसे 6 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस दौरान रियल एस्टेट करोबार भी काफी बढ़ा, तमाम रजिस्ट्री, रेरा, टीएंडसीपी, गाइडलाइन, खसरे, नामांतरण, दस्तावेज खोजने के विकल्पों से ये सॉफ्टवेयर ओवरलोड हो गया है। सम्पद टू इसका अपडेट वर्शन है।

वर्जन

अभी कलेक्टर गाइडलाइन की लोकेशनों की जियो टैङ्क्षगग हो रही है। इससे गाइडलाइन देखने में आसानी के साथ फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।
स्वपनेश शर्मा, प्रभारी, संपदा, जिला पंजीयक

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