सीएम शिवराज सिंह ने यह बात नीति आयोग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में कही। वे वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति में रासायनिक खाद के उपयोग ने खाद्यान्न की कमी पूरी की, परंतु अब इसके घातक परिणाम सामने आ रहे हैं।
कार्यशाला को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी संबोधित किया। प्रथम सत्र आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. रवि कुमार की अध्यक्षता में हुआ। तकनीकी सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी वर्चुअली सम्बोधित किया।
100 गांवों में खेती: शिवराज ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिले के सौ गांवों में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने विशेष गतिविधियां संचालित होंगी। वर्तमान खरीफ की फसल से 5200 गांवों में गतिविधियां आरंभ होंगी। अब तक प्रदेश के 1 लाख 65 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है।
यूं सहायता करेगी सरकार
किसानों को देसी गाय रखने 900 रुपए प्रति माह यानी 10,800 रूपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएंगे। किट लेने किसानों को 75त्न राशि उपलब्ध कराई जाएगी। मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक ब्लॉक में पांच पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। हर गांव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी।
ये होगा फायदा
दरअसल रासायनिक खादों के चलते कृषि भूमि में हानिकारक बदलाव आए हैं। ऐसे में अब किसानों को जैविक पद्धति के आधार पर कृषि कार्य के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जैविक पद्धति से की गई कृषि से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, वहीं मानव के लिए उत्पन्न होने वाले अनाज और सब्जियों की गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार होगा। इतना ही नहीं जैविक खेती की अच्छाइयों से प्रभावित होकर देश के कई किसान इस ओर प्रवृत्त हुए हैं और अपेक्षा के अुनसार परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं।