जगह-जगह पर पानी भर जाने से कीचड़ फैल गया है। पार्क के एक हिस्से में पानी बहकर जमा हो रहा है, जहां पर बैठने के लिए लगी बैंच, बच्चों के लिए लगी फिसल पट्टी व झूले पानी में डूब जाते हैं, ऐसे में बच्चों का खेलना मुश्किल हो जाता है। शहरवासियों के लिए बना एक मात्र पार्क बदहाल स्थिति में है।
पार्क को विकसित करने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। पार्क में हरियाली गायब होने के बाद खाली मैदान का रूप ले लिया है। बारिश का पानी जमा होने से गंदगी का आलम है। गंदे पानी में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। हरियाली की जगह फैली गंदगी के चलते लोग पार्क में नहीं पहुंच रहे।
आसपास रहने वाले रहवासी परेशान
पार्क के आसपास रहने वाले लोगों को पार्क का लाभ नहीं मिल पा रहा है, पर परेशानी जरूर हो रही है। यहां दिनभर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा और शाम को शराबियों के चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। रहवासी इसकी शिकायत भी करते हंै पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। इनसे बचने के लिए अधिकांश रहवासियों ने घरों के बाहर पर्दे लगा दिए हैं।
असामाजिक तत्वों के हवाले हुआ पार्क
उपनगर का गिदवानी पार्क आम लोगों के लिए विकसित किया गया था, ताकि यहां लोग टहलने और परिवार के साथ घूमने आ सकें पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं होने से पार्क में असामाजिक तत्व बैठे रहते हं,ै जो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। शाम के बाद पार्क अहाता बन जाता है, जहंा शराबी बैठकर देर रात तक शराब का पीते है और हुडंदग मचाते हंै।
गिदवानी पार्क बैरागढ़ का सबसे पुराना पार्क है। नए पार्क बन जाने के कारण इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पार्क बदहाली का शिकार हो रहा है। उधर आसामजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है।
अभिनव शर्मा, स्थानीय रहवासी
पिार्क को विकसित करने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। यहां पर छात्राएं और महिलाएं नहीं आ पाती हंै। यहां पर पुलिस की सख्ती भी नहीं रहती है, जिससे शराब पीते हैं।
विजय आसूदानी, रहवासी
पार्क के विकास के लिए कई बार महापौर को अवगत कराया, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पार्क अपनी सुन्दरता खोता जा रहा है। जो भी कार्य हो रहे हैं वह पार्षद निधि से कर रहे हैं।
भारती महेश खटवानी, स्थानीय पार्षद