क्वार्टर नंबर 93/3 थ्री-ईएमई सेंटर बैरागढ़ निवासी बी जाधव सेना में हवलदार हैं। उनके 10 वर्षीय बेटी अक्षरा और छह वर्षीय बेटा शिवम हैं। बच्चों, पत्नी पल्लवी के साथ वह सेंटर में मिले आवास में रहते हैं। अक्षरा पांचवीं की छात्रा थी। गुरुवार सुबह बी जाधव अपनी ड्यूटी पर चले गए। दोपहर में पल्लवी सिलाई सीखने बैरागढ़ चलीं गईं। दोपहर करीब दो बजे अक्षरा और उसका छोटा भाई घर के अंदर कमरे में खेलने लगे। अक्षरा गले में पतली तौलिया डालकर खिड़की की जाली पकड़कर बार-बार पलंग पर कूद रही थी। इस दौरान भाई थोड़ी देर के लिए दूसरे कमरे में चला गया। करीब डेढ़-दो मिनट बाद वह लौटकर आया तो अक्षरा तौलिए से बने फंदे से लटकी थी। यह देखकर भाई पड़ोस में रहने वाले करण अविनाश को बुलाने गया। करण ने तुरंत ही जाधव को फोन किया। 500 गज पर ड्यूटी कर रहे जाधव तुरंत ही दौड़ते हुए आए। बेटी को फंदे पर लटका देख उन्होंने उसे नीचे उतारा। उसके सीने पर पंपिंग की, लेकिन अक्षरा के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई।
पुलिस का कहना कि तौलिया करीब चार फीट लंबी थी। जबकि खिड़की की पांच फीट ऊंचाई है। पुलिस अंदाजा लगा रही कि बच्ची ने गले में तौलिया डालकर स्टंट करने के लिए खिड़की में फंसाया होगा। तभी तौलिया के छोर खिड़की में फंस गए होंगे। जिससे उसके गले में फंदा कसा होगा।
घटनास्थल का मुआयना करने के बाद एफएसएल ने साक्ष्य संकलन किया है। परिजनों-पड़ोसी के बयान से यह हादसा लगता है। खेल के दौरान बच्ची के गले में फांसी का फंदा लगने से मौत हुई है। हालांकि पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।
शिवपाल सिंह टीआई, बैरागढ़ थाना
शिवपाल सिंह टीआई, बैरागढ़ थाना