राज्यपाल ने कहा कि कोरोना अभूतपूर्व संकट है। इसका सामना करने के लिए नई तकनीक और सोच के साथ कार्य करना जरूरी है। विश्वविद्यालय छात्रों को वर्क फ्रॉम होम का प्रशिक्षण और प्रेरणा दे। विश्वविद्यालय के पास विशाल युवा शक्ति का भंडार है। उसका उपयोग सकारात्मक वातावरण निर्माण में किया जाए। उनके माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की प्रमाणिक जानकारियों और विशेषज्ञ सलाह का सोशल मीडिया पर प्रसार किया जायें। विश्वविद्यालय यह देखें कि कैसे सोशल डिस्टेन्सिंग को बनाए रखते हुये सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं को पात्र व्यक्ति तक पहुँचाने में सहयोग कर सकते हैं। कोरोना श्रृंखला को तोडऩे, रोकने की जरूरत एवं तरीके बताए, जनजागृति करें।
बुद्धिजीवी जिम्मेदारी उठाए –
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना का संकट गम्भीर है। इसका सफलतापूर्वक सामना करने के लिए समाज में सकारात्मक वातावरण होना जरूरी है। संकट काल में समस्याओं का समाधान बुद्धिजीवी ही निकालते हैं। वर्तमान संकट काल में बुद्धिजीवीयों को आगे आकर दायित्व ग्रहण करना होगा। कोरोना संघर्ष में सामाजिक चेतना निर्माण के लिए नई दिशा दर्शन का यह अवसर है। साथ ही एकांत में स्वाध्याय का भी मौका है। उन्होंने आधुनिक तकनीक के सफल उपयोग के लिए सभी को बधाई दी।
राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने बताया कि यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा विश्वविद्यालयों के साथ निरंतर सम्पर्क बना रहेगा। आयुक्त स्वास्थ्य प्रतीक हजेला ने कोरोना की स्थिति नियंत्रण के उपायों पर प्रकाश डाला।