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ग्लैंडर्स डिसीज का कोई डर नहीं

locationभोपालPublished: May 13, 2018 09:35:49 am

– शादी-समारोहों में बेखौफ की जा रही घोड़ों-बग्घियों की बुकिंग, प्रदर्शन- जानलेवा ग्लैंडर्स डिसीज के चलते घोड़ों को पब्लिक में ले जाने पर रोक

Glanders

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भोपाल. ग्लैंडर्स डिसीज के मामले मिलने के बाद भी शहर में घोड़ों के शादी समारोहों में घोड़ों के प्रदर्शन और बाहर से आवागमन पर रोक नहीं लगाई जा सकी है। इससे यह रोग लोगों में भी यह रोग फैलने की आशंका बढ़ गई है। ग्लैंडर्स डिसीज के चलते शहर में घोड़ों, गधों व खच्चरों के प्रदर्शन, प्रयोग और परिवहन पर रोक होने के बावजूद यह कारोबार बदस्तूर जारी है।
शहर के सभी घोड़ा पालने वाले बुकिंग कर रहे हैं। इसकी पड़ताल करने के लिए पत्रिका टीम काजी कैंप स्थित रहमान घोड़ा-बग्गी वाले के यहां पहुंची। वाफना कॉलोनी, काजी कैंप स्थित रहमान के अस्तबल में सफेद रंग के एक दर्जन से अधिक घोड़े बंधे हुए थे। दो घोड़े बाहर भी बंधे थे।
यहां मौजूद केयरटेकर से पूछा कि १२ मई को हमारे यहां कार्यक्रम है, घोड़ा मिल जाएगा तो उसने कहा हां, घोड़ा तो मिल जाएगा। वहां सामने घोड़ा मालिक रहमान भाई से बात कर लो। पत्रिका टीम केयरटेकर के बताए अनुसार आगे गए तो रहमान बग्गी को तैयार कर रहे थे। जैसे ही उनके पास पहुंचे, रहमान बग्गी का काम छोड़कर खड़े हो गए और घोड़े के बारे में बातचीत करने लगे।
उन्होंने बताया कि ग्लैंडर्स के बारे में सनसनी फैलने से उनकी कुछ बुकिंग कैंसिल हो गईं। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले सिंकदरपुर (मैनपुरी, उत्तर प्रदेश) निवासी गुड्डू से एक-एक लाख में दो घोड़े खरीदे थे। ये दोनों घोड़े सफेद रंग के थे। एक घोड़े की तबीयत खराब होने पर अस्पताल में दिखाया तो ग्लैंडर्स रोग बता दिया। हमने घोड़ा वापस भेज दिया, जो अब मर चुका है। इस समय उनके पास १३ घोड़े मौजूद हैं। अन्य घोड़ों के ब्लड सैंपल लिए गए हैं। ग्लैंडर्स पॉजिटिव घोड़ा भी इन्हीं घोड़ों के साथ रहा था।
इतवारा के श्रीराम बैंड मालिक सुरेश साहू का कहना है कि चार मई से १३ मई तक केवल आठ से १० मई तक तीन दिन ही घोड़ा-बग्गी की बुकिंग नहीं हुई, बाकी सभी दिनों बुकिंग हुई है। शादी-समारोहों में घोड़ा-बग्गी बुक और इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
आवागमन पर भी रोक प्रभावी नहीं
घोड़ों के शहर के बाहर ले जाने-लाने पर भी नगर आयुक्त की रोक प्रभावी नहीं है। सीहोर से भी कई घोड़े बुक किए जा रहे हैं। सीहोर के एक बड़े घोड़ा-बग्गी व्यापारी से संवाददाता ने फोन पर बात की और १२ मई के लिए एक घोड़ा मांगा तो उसका कहना था कि घोड़ा मिल जाएगा। घोड़े का किराया पूछने पर उसने कार्यक्रम स्थल पूछा। संवाददाता ने कार्यक्रम स्थल नर्मदा मंदिर , तुलसी नगर बताया तो उसने कहा कि भोपाल में न्यू मार्केट के आसपास कार्यक्रम में एक घोड़ा देने के पांच हजार रुपए लगेंगे।
– नगर निगम क्षेत्र में घोड़ापालक : ५०
– राजधानी में गधे और खच्चर : १०००
– शहर में पले घोड़ों की संख्या : ३००
– अब तक ग्लैंडर्स पॉजिटिव पशु : ०३
– ०३ से १३ मई तक बुकिंग दिन: ०७
ग्लैंडर्स के हैं ये लक्षण
राज्य पशु चिकित्सालय की अतिरिक्त उप संचालक डॉ. ज्योति जैन बताती हैं कि ग्लैंडर्स डिसीज एक जूनोटिक बीमारी है, जो पशुओं से पशुओं और मनुष्यों में फैलती है। यह घोड़ों के श्वसनतंत्र की बीमारी है। इसमें तेज बुखार, नाक से डिस्चार्ज, म्यूकस मेम्ब्रेन में छाले होना, फेफड़ों में इन्फेक्शन होना आदि लक्षण होते हैं। इसमें घोड़े की मृत्यु हो जाती है। घोड़ों की संास, लार आदि के संपर्क में आने से मनुष्य को भी यह बीमारी हो जाती है। मनुष्य में भी तेज बुखार, नाक से डिस्चार्ज, स्किन प्रॉब्लम आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
इनकी बयां जुदा-जुदा
काजी कैम्प में एक घोड़ा ग्लैंडर्स पॉजिटिव पाया गया था। अलग-अलग टीमें शहर में घोड़ों के ब्लड सैंपल ले रही हैं। कलेक्शन पूरे होने के बाद जांच के लिए हरियाणा स्थित लैब भेजे जाएंगे। घोड़ों को लाने-ले जाने पर जो प्रतिबंध हैं, वे आगामी आदेश तक प्रभावी रहेंगे।
– डॉ. जयंत कापसे, प्रभारी वेटनरी अफसर-ग्लैंडर्स
घोड़ों को नगर निगम सीमा से बाहर करने की कोई बात नहीं है। एक घोड़ा ग्लैंडर्स डिसीज से पॉजिटिव पाया गया था, जांच करने पहुंचे तो पालक ने बताया कि घोड़े को वापस यूपी भेज दिया है। इस बाबत प्रशासन को सूचित कर दिया गया था।
– डॉ. एसके श्रीवास्तव, वेटनरी अफसर, ननि

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