भोपाल

जीएमसी में तैयार होगा प्रदेश का पहला स्किन बैंक

राहत: 80 प्रतिशत तक जलने पर भी बचाई जा सकती है जान

भोपालAug 27, 2018 / 07:47 am

praveen shrivastava

जीएमसी में तैयार होगा प्रदेश का पहला स्किन बैंक

भोपाल. गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में प्रदेश का पहला स्किन बैंक तैयार किया जा रहा है। यहां दान में मिली त्वचा को सुरक्षित रखा जाएगा। इसके बनने से 50 से 80 प्रतिशत तक जले लोगों की जान बचाना और उनकी प्लास्टिक सर्जरी आसान हो जाएगी।
बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में बन रहे इस बैंक का काम एक साल में पूरा हो जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार व्यक्ति के 50 प्रतिशत से अधिक झुलसने के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ठीक होने के लिए जले व्यक्ति की त्वचा पर्याप्त नहीं, इसलिए स्किन ट्रांसप्लांट की जाती है। अगर अस्पताल में स्किन बैंक हो तो 80 प्रतिशत से अधिक मामलों में पीडि़तों की जान बचाई जा सकती है।
ऐसे होती है कारगर
दान की त्वचा को रासायनिक उपचार से सुरक्षित रखते हैं। मरीज को लगाने पर प्रोटीन की भरपाई होती है। तीन-चार सप्ताह में नई त्वचा आने यह हटने लगती है।

उम्र व ग्रुप का बंधन नहीं
स्किन डोनेट करने उम्र का बंधन नहीं है। कोई भी त्वचा दान कर सकता है। ब्लड ग्रुप मैच की दिक्कत नहीं होती। किसी की त्वचा किसी को लगाई जा सकती है।
 

स्किन बैंक: वह सब जो आप जानना चाहते हैं
शरीर के किस हिस्से से निकालते हैं स्किन: व्यक्ति द्वारा स्किन डोनेट करने की सहमति देने पर जांघों से स्किन निकाली जाती है। पीठ, पैर और नितम्ब से भी त्वचा ली जाती है। इसे जरूरत के अनुसार शरीर में लगाया जाता है। बची हुई स्किन को वापस बैंक में सुरक्षित रख दिया जाता है।
उपयोग होने तक सुरक्षित रहती है स्किन : स्किन को 4 डिग्री तापमान में 85 प्रतिशत ग्लिसरॉल के घोल से उपचारित कर रख दिया जाता है। डॉक्टरों का मानना है कि जमा की गई त्वचा कभी खराब नहीं होती। समय आने पर इसका उपयोग किया जा सकता है।
मृत्यु के कितने घंटे बाद तक ले सकते हैं त्वचा: डोनर की मृत्यु के बाद त्वचा निकालने के लिए 6-7 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं। इसी समय अंतराल में सूचना मिलने पर मरच्युरी या मृतक के घर से स्किन को निकालकर बैंक में सुरक्षित रख सकते हैं। मृतक के परिजनों को इसका ध्यान रखना चाहिए।
ऐसे मिल सकता है लाभ : स्किन बैंक का लाभ उन मरीजों को मिल सकता है जो केमिकल, बिजली और आग से झुलस जाते हैं। इन तीन चीजों से झुलसने के कारण स्किन खराब हो जाती, जिसे नई स्किन लगाकर ठीक किया जा सकता है।

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