समारोह में वहीं, संदीप शर्मा ने महबूबा होकर तुम नफरत की बातें करती हों, भारत माता के मस्तक पर दस आघातें करती हैं, कहती हो कि भारत माता का फटा हुआ सिर नहीं सिलेगा, घाटी में हमको कोई भी हमको लिए तिरंगा नहीं मिलेगा, अगर 370 वाला पृष्ठ वहां से फट जाएगा, ये कहती हो कि भारत का सिर फिर से धड़ से कट जाएगा… भारत का मस्तक उज्जवल है उसको नहीं उछाला तुम, नाक तुम्हारी कटी हुई उसको संभालो… सुनाकर श्रोताओं को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।
कवियत्रि रुचि ने कभी अनसुनी सी कोई धुन बजेगी, मेरे गीत भी याद आने लगेंगे। कभी गम लिए सिर दीवारों पर रख दो, तो पत्थर भी गजलें सुनाने लगेंगे… कविता पढ़ी। वहीं, जब कष्ठ घिरे हो जीवन में, तब आदिनाथ का ध्यान धरो, जब दुविधा हो जीवन में… पढ़कर भगवान महावीर को याद किया।
कौन कहता है सो गए हो तुम, सारे वतन के हो गए तुम…
अगली कड़ी में एडीजी पवन जैन ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों के सम्मान में कौन कहता है सो गए हो तुम, सारे वतन के हो गए तुम… और भगवान महावीर पर मुक्तक हम शांति नहीं ला पाए हथियार से, हम नहीं हुए हैं रक्षित पहरेदारों से, जीती है हमने धरा ज्ञान के गागर से, ये सीखा है हमने भगवान महावीर स्वामी से… सुनाई। इसके बाद हेमन्त ने स्वयं की नजर में सफाई दिखेगी, बुराई भी हमको भलाई दिखेगी, सदा दूसरों की नजर से निहारो, बिना आइने के सच्चाई दिखेगी… सुनाई।
वहीं, सुदीप भोला ने नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए 2019 में आ गई यदि मोदी सरकार तो क्या होगा, जिन-जिन के जन-धन खातों में 6 हजार न आए, राहुल भैया उनको अपनी फटी जेब दिखलाएंगे और कहेंगे जेब काट के ले गया चौकीदार तो सोचा क्या होगा… सुनाई तो श्रोताओं ने जमकर दाद दी। वहीं, मदन मोहन समर ने यह वक्त बहुत ही नाजुक है, हम पर हमले दर हमले हैं, दुश्मन का दर्द यही तो है, हम हर हमले पर संभले हैं, सैनिक सीमा साधे रहना, हम भीतर देश बचाएंगे, तुम कसम निभाना सरहद की, हम अपना नमक चुकाएंगे… कविता सुनाई।