मंत्री की आपत्ति उठाते ही पशुपालन विभाग ने भी कहा कि इस जमीन पर 40 साल से बुल फार्म है, जो कि आईएसओ सर्टिफाईड है। ऐसे में इसकी जमीन देना गलत है, उन्होंने कहा कि हम केवल २५ एकड़ बंजर जमीन दे सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव में बदलाव करने की शर्त पर सैद्धांतिक सहमति दे दी।
ये है मसला-
कलियासोत क्षेत्र में बुलमदर फार्म ६५० एकड़ पर है। इसमें २२५ एकड़ में फार्म बना है। ४०० एकड़ डूब क्षेत्र की जमीन गायों के चारागाह के रूप में है। बाकी २५ एकड़ जमीन बंजर है।
गोल्फकोर्स के लिए १०० एकड़ जमीन मांगी गई है। इसमें ५५ एकड़ पर सीमन सेंटर बना है। इसमें ३० एकड़ किसानों से अधिग्रहित जमीन है। आइएसओ अॅवार्ड वाले फार्म में ३५० सांड और ३५० साइवाल व जर्सी नस्ल की गायें हैं। यह नस्ल सुधार के लिए ३० लाख डोज सीमन बनाता है। इसलिए विवाद छाया।
नर्सिग कॉलेज नियमों पर विवाद-
नर्सिंग कॉलेज मान्यता के नए नियम पर मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, गोपाल भार्गव, जयंत मलैया व उमाशंकर गुप्ता ने एेतराज उठाया। नए नियम में केंद्र की तरह १०० बेड होने पर ही नर्सिंग कॉलेज की मान्यता देना प्रस्तावित था।
मंत्रियों ने कहा, चुनाव के समय एेसे नियम मंजूर किए तो आधे से ज्यादा कॉलेज अवैध हो जाएंगे। फिर इन कॉलेजों के बच्चों का क्या होगा? इस पर सीएम ने नर्सिंग के नए नियमों का प्रस्ताव हाल फिलहाल के लिए रोक दिया।
अब १८ नगर निगम होंगी- दतिया नगर पालिका को नगर निगम बनाने की मंजूरी दे दी गई। साथ ही भिंड नगर पालिका को भी नगर निगम बनाने पर सहमति बन गई। अभी तक १६ नगर निगम हैं। २९ जिलों की में ३९ नगरीय तहसील के गठन भी मंजूर हुआ।
छतरपुर-सिवनी में नया मेडिकल कॉलेज-
छतरपुर व सिवनी में मेडिकल कॉलेज व छिंदवाड़ा में उद्यानिकी कॉलेज स्थापना को मंजूरी दे दी है। दोनों के लिए ३००-३०० करोड़ मंजूर किए गए। इंदौर में मानव अंग प्रत्यारोपण और सतना में ५५० करोड़ रुपए मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दी। शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज के लिए २०२ करोड़ की पुनरीक्षण प्रस्ताव मंजूर हुआ।
ये बड़े फैसले भी हुए-
– ओलंपिक-एशियाई-कामनवेल्थ खेलने वालों को सीधे उपनिरीक्षक पद पर भर्ती।
– उक्त तीनों खेलों में राष्ट्रीय पदक लाने वालो को आरक्षक के पद पर भर्ती। – २० अक्टूबर से मूंग, उड़द, मंूगफली, तिल व कपास की खरीदी होगी।
– ०१ मार्च २०१९ से सरकार तुअर दाल खरीदना शुरू करेगी। – दिव्यांगों के लिए पेंशन में गरीबी का बंधन समाप्त करने मंजूरी।