वर्तमान में राज्य कर्मचारियों को 12 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जबकि केन्द्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़कर 28 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। यानी डीए के मामले में केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में राज्य कर्मचारी 16 प्रतिशत पीछे हैं। इसलिए राज्य कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाया है। माना जा रहा है कि सरकार कर्मचारियों को पांच प्रतिशत डीए दे सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव भी कर लिया है। मुख्यमंत्री की हरीझंडी का इंतजार है। वहीं पेंशनर्स को भी महंगाई राहत का इंतजार है। उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों के साथ राज्य के पेंशनर्स को भी सौगात मिलेगी।
बढ़ रही कर्मचारियों की नाराजगी – कमलनाथ ने सरकार ने राज्य कर्मचारियों को पांच प्रतिशत डीए घोषित किया था। इसके आदेश भी जारी हो गए थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन और कोरोना संक्रमण में बढ़ते वित्तीय बोझ के कारण सरकार ने डीए का आदेश स्थगित कर दिया था। तभी से कर्मचारियों को डीए का इंतजार है। वहीं केन्द्रीय कर्मचारियों को डीए मिलता रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ी है। कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग लामबंद होकर आंदोलन भी कर रहा है। निकाय चुनाव और उप चुनाव को देखते हुए सरकार इन कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती।