पुलिस और उनके अधिकार
पुलिस विभाग के बारे में जानिए
संशोधन के मुताबिक यदि उप पुलिस अधीक्षक की रिक्तियों को भरने की तत्काल आवश्यकता है और फीडर संवर्ग में अर्ह निरीक्षक उपलब्ध है, तब पुलिस महानिदेशक, राज्य सरकार की पूर्व अनुमति से उप पुलिस अधीक्षक के रूप में ऐसे निरीक्षक को कार्य करने के लिए आगामी आदेश तक कार्य करने के लिए आदेशित कर सकेगा।
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मध्यप्रदेश राजपत्र में इसे जोड़ दिया गया है। जिसके मुताबिक कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक के रूप में पद पर कार्य करने वाले निरीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक पद पर वरिष्ठता या वेतन या भत्ते का दावा भी नहीं करेगा। परन्तु जब तक वह इस पद पर कार्य करेगा तब तक उप पुलिस अधीक्षक की श्रेणी का गणवेश धारित कर सकेगा। ऐसा कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक की समस्त शक्तियों का प्रयोग करेगा, जब तक वह उस पद पर कार्यरत है।
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इससे पहले भी हुआ संशोधन
इससे पहले मध्यप्रदेश में बगैर प्रमोशन के सिपाही हेड कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर को थाना प्रभारी बनाने के लिए आदेश जारी हुए थे। तीन माह पहले भी मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने पुलिस रेग्युलेशन में बदलाव कर नोटिफिकेशन जारी किया था। उस समय भी प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उलझे होने के कारण सरकार ने यह रास्ता निकाला था।