आपको बतादें कि मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के अंतर्गत होने वाले सामुहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजन को अनुमति प्रदान कर दी गई है, लेकिन इसके लिए भी कुछ नियमों का पालन करना होगा, जिसके तहत कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार तथा विज्ञापन नहीं किया जाएगा, साथ ही राजनैतिक दलों के व्यक्तियों तथा अभ्यर्थियों की सहभागिता नहीं होगी। वहीं इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले शासकीय कर्मचारियों के बारे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनके कारण निर्वाचन कार्य और प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो, ये आयोजन आदर्श आचार संहिता के अन्य प्रावधानों को ध्यान में रखकर किया जाए।

आपको बतादें कि प्रदेश के कई जिलों में इस बार 1 जून को सामुहिक विवाह सम्मेलन के आयोजन किए जाने थे, जिसकी तैयारियां भी संबंधित विभाग द्वारा पूरी कर ली गई थी, विवाह में तय किए गए जोड़े के परिवारों ने भी पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन ऐन वक्त पर कोई दिशा निर्देश नहीं आने के कारण उस दिन आयोजन नहीं हो पाए, ऐसे में कई परिवारों ने तो बिना सम्मेलन के घर से जैसे तैसे शादी की थी, वहीं कई परिवार सम्मेलन की बाट जोह रहे थे, ऐसे में उन लोगों के लिए ये अच्छी खबर है, जो शादी के लिए सामुहिक विवाह सम्मेलन होने की राह देख रहे थे। इस आयोजन में जोड़ों को घर गृहस्थी की कुछ सामग्री के साथ ही एक एफडी भी दी जाती है, ताकि पति-पत्नी अपनी गृहस्थी की शुरूआत कर सकेंं।
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इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह का कहना है कि सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन विभाग के सामूहिक विवाह कार्यक्रम को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कार्यक्रम का प्रचार प्रसार और विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा लेकिन हिताग्रहियों को इसका लाभ मिलेगा।