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IAS vs BJP: ‘मेरे परिचित के पास हैं 8 IAS अधिकारियों का वीडियो, प्रदेश की बदनामी की डर से मैं चुप रहा’

locationभोपालPublished: Jan 25, 2020 06:33:31 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

गोपाल भार्गव ने आईएएस अधिकारियों से पूछा कि वीडियो के बदले एक करोड़ देने के लिए कहां से आते हैं

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भोपाल/ मध्यप्रदेश में बीजेपी नेताओं और आईएएस अफसरों में ठन गई है। थप्पड़कांड के बाद मध्यप्रदेश में आईएएस अधिकारी एकजुट हो गए हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी आईएएस अधिकारियों की एकजुटता पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने अधिकारियों पर कई संगीन आरोप लगाए हैं। साथ ही भार्गव ने पार्टी की मंशा जाहिर कर दी है कि अधिकारियों से अब आर-पार की लड़ाई होगी।

गोपाल भार्गव ने अपने पोस्ट में लिखा है कि ब्यावरा राजगढ़ की घटना को लेकर आजकल प्रदेश के कुछ आईएएस अफसरों के मन में, कथन में और लेखन में भारी अकुलाहट है। पिछड़ा वर्ग के एक पूर्व मंत्री श्री बद्रीलाल यादव द्वारा कहे गए कथन या भाषण से “एलीट वर्ग” घायल है। इस वर्ग के देवताओं ने भारतवर्ष की जनता के लिए विशेष प्रसाद के रूप में दिया है, इसलिए वह ऐसे कवच कुंडल धारण किए हैं जिन पर डॉक्टर भीमराव जी अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान और आईपीसी, सीआरपीसी के विधानों का कोई असर नहीं होता।
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देव पुरुष कहा
उनकी नजर में सभी राजनीतिक व्यक्ति डाकू है और वह स्वयं में “देव पुरुष” हैं। रेत खदानों, शराब दुकानों, परिवहन नाकों जैसे अनेक ईश्वर प्रदत्त कमाई के जरियों से इसी राज्य में इसी वर्ग के दंपत्ति के पास अरबों रुपयों की संपत्ति बरामद हुई थी। वह तो एक छोटा सा उदाहरण मात्र है, लेकिन नेता तो डाकू है और आप “देवपुरुष” हैं। जिस अधिकारी के पास गोली चलवाने, टीयर गैस छुड़वाने, वाटर कैनन चलवाने, लाठीचार्ज करवाने का अधिकार हो, भारत की सीआरपीसी जिसकी दास हो वह अधिकारी भीड़ में घुसकर थप्पड़बाजी करें।

वीडियो के बदले देते हैं एक करोड़
61 साल के बुजुर्ग एएसआई और अपने अधीनस्थ छोटे से पटवारी को तमाचे लगाए या किसी पूर्व विधायक का सिर फोड़े यह कहां तक उचित है ? मैंने अपने 40 वर्षं के राजनीतिक जीवन में देखा है कि सरकार किसी की भी रही हो यही अधिकारी मुख्यमंत्री और रसूखदार मंत्रियों के यहां उनके दरवाजे और दरबार में मनचाही पदस्थापना पाने के लिए दरबारी बनकर बैठे रहते हैं। यही “देवपुरुष” जनता की गाढ़ी कमाई को लूट कर अप्सराओं के साथ *मधुपान* करते हैं और फिर *ट्रैप* में फंसते हैं तब जाकर एक वीडियो के बदले एक करोड़ रुपए तक देते हैं। यह पैसा कहाँ से आता है ?
आठ आईएएस अधिकारियों का वीडियो मेरे परिचित के पास

ऐसे लगभग ऐसे 8 देवपुरुषों के वीडियो मेरे एक परिचित के पास हैं। मैं चाहता तो सब खुलासा करता लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि यह गंदगी फैले और मेरा मध्यप्रदेश पूरे देश और दुनियां में कुकर्मी प्रदेश के रूप में जाना जाए। इस कारण मैं अभी तक चुप रहा। लेकिन ब्यावरा की घटना एवं ‘देवपुरुषों’ के अवांछित वक्तव्यों से अब पानी सिर से ऊपर निकल चुका है। मैं यह भी नहीं चाहता था कि ईडी, आईडी और सीबीआई जैसी संस्थाएं राज्य में आकर कार्यवाही करें और मेरे ही राज्य की फजीहत हो लेकिन जो ‘देवपुत्र’ गटकने की अति कर रहे हैं, उनके बारे में मुझे पार्टी की मंशा अनुसार तय करना है ।
रेंगने लगते हैं ये लोग
विशेषकर उन देव पुत्रों के बारे में जिनको अंग्रेजी भाषा में “घुटना टेक” होने का हुक्म दिया जाता है तो वह रेंगने लगते हैं, फिर कहां जाता है उनका स्वाभिमान ? अरे जो असली स्वाभिमानी तो वो हैं जो वीआरएस लेकर प्रदेश छोड़ रहे हैं, जनाब फिर आप लोग किस इंतजार में हैं ? हे देव पुरुषों आपके पास तो गोली चलवाने, लाठी चलवाने से लेकर असीमित अधिकार हैं, सीआरपीसी आपकी दास है । परंतु जिस जनता के पास सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से सभा करके और जुलूस निकालकर अपनी बात कहने का अधिकार है, उस जनता के इन्हीं थोड़े से अधिकारों से आपको घोर आपत्ति और नफरत क्यों है? आखिर जनता क्या करें ?
कमलनाथ की शान में लिखें एक-एक चालीसा
हे देवपुरुषों याद रखिये आपका यही व्यवहार और उससे निर्मित परिस्थितियां ही भारत में नक्सलवाद को जन्म देती हैं । मेरी आप सभी देवपुरुषों को एक सलाह है कि आप कमलनाथ जी और उनकी सरकार की शान में 1-1 चालीसा लिखें। जिस देवपुरुष का चालीसा प्रदेश के बुद्धिजीवियों और साहित्यकारों को पसंद आएगा मैं उस देवपुरुष का अपनी ओर से नागरिक अभिनंदन करूंगा।
भार्गव ने क्यों लिखा ऐसा
दरअसल, सीएए के समर्थन में ब्यावरा में बीजेपी ने रैली निकाली थी। रैली के दौरान राजगढ़ कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर ने बीजेपी नेताओं को थप्पड़ जड़े थे। थप्पड़ से तिलमिलाई बीजेपी ने 22 जनवरी को राजगढ़ में सभा की। इस दौरान मंच से पूर्व मंत्री बद्रीलाल यादव ने राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता पर अभद्र टिप्पणी की। उसके बाद आईएएस एसोसिएशन ने इसकी निंदा की। साथ ही आईएएस अधिकारियों ने व्यक्ति रूप से टिप्पणी भी की। जिसमें गुना के कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने नेताओं को डकैत और घपलेबाज कह दिया।
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