वहीं, मीडिया से बात करते हुए भोपाल भार्गव ने कहा- उनके बयानों से राजनीतिक हलकों में बवाल की स्थिति नही हुई है। आचार संहिता के उल्लंघन सहित विदायकों की खरीद फरोख्त से जुडे आरोप भाजपा पर लगने लगे। सभा के दौरान राजनेता दूसरे राजनेता की तारीफ करते हैं मैंने उसी के चलते बयान दिया है। सरकार गिराने या शिवराज सिंह के शपथ लेने से जुड़ा फैसला केन्द्रीय नेतृत्व करता है। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह विधायक की संख्या तय करती है। फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं बनी है।
शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बयान में सफाई दी है। उन्होंने कहा- मुझे किसी पद की आकांक्षा नहीं है। मेरा एक ही पद है, जनता के दिलों में रहना और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वैभवशाली, गौरवशाली भारत के निर्माण के अभियान में पूरी ताकत के साथ जुटे रहना। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- गोपाल भार्गव जी ने कोई गलत बयान नहीं दिया है। रैली में बच्चे मामा-मामा के नारे लगा रहे थे, इस दौरान उन्होंने बच्चों से पूछा कि मामा को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है क्या तो भीड़ ने जवाब दिया है। इस पर गोपाल भार्गवजी ने कहा- ठीक है दीपावली बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैं सभी पदों से ऊपर उठ चुका हूं मुझे जनता की सेवा के लिए किसी पद की जरूरत नहीं है।