– पेंशनर्स का 32 माह का एरियर डूबा
सातवें वेतनमान की बात करें तो भाजपा शासनकाल में राज्य कर्मचारियों को जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिया गया। पेंशनर्स को भी यही लाभ मिला, लेकिन उन्हें छठवें वेतनमान का 32 माह का एरियर नहीं दिया गया। तीन हजार करोड़ रुपए का यह एरियर उनका डूबत खाते का है। पेंशनर्स इसे भूल चुके हैं।
– रिटायर कर्मचारियों का भुगतान अटका
पिछले छह माह में रिटायर हुए कर्मचारियों की बात करें तो अधिकतर के भुगतान अटके हैं। मार्च के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को सिर्फ रिटायरमेंट का आदेश मिला, लेकिन उनके किसी भी प्रकार के भुगतान नहीं हुए। इनमें उनकी पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य भुगतान शामिल हैं। यह राशि 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक की है।
– एक साल तक डीए नहीं बढ़ेगा
सरकार ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए कर्मचारियों को अगले एक साल तक डीए देने पर रोक लगा दी है। अब उन्हें जुलाई 2021 से डीए देने की बात कही जा रही है।
– ऐसे समझें कर्ज का हिसाब
सातवें वेतनमान की एरियर की किस्त – 1500 करोड़ रुपए
पांच माह का डीए रोका – 1250 करोड़ रुपए
चार माह का डीए मिलना था – 250 करोड़ रुपए
रिटायर हो रहे कर्मचारियों के भुगतान रोके – 35000 करोड़ रुपए
राज्य कर्मचारी सरकार के साथ कांधे से कांधा मिलाकर काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके भुगतान पर ही रोक लगा रही है। यह उचित नहीं है। कर्मचारी महंगाई से जूझ रहे हैं, अब भुगतानों पर रोक लगने का सीधा असर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। सरकार को चाहिए जल्द से जल्द उनके भुगतान किए जाएं।
– लक्ष्मीनारायण शर्मा, महामंत्री, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ