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कर्मचारियों की कर्जदार बनी सरकार, पैसा डूबने का खतरा

locationभोपालPublished: May 27, 2020 12:37:30 am

Submitted by:

anil chaudhary

– कटौती के साइड इफेक्ट : स्थितियां न सुधरी तो आगे भी नुकसान

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भोपाल. कोरोना संकट की आड़ में प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की जेब पर ऐसी कैंची चलाई कि वह कर्मचारियों की कर्जदार बन गई। यह करीब 38 हजार करोड़ रुपए का मामला है। इसका सीधा नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। खजाने की माली हालत खराब होने के कारण प्रदेश सरकार भी केंद्र के भरोसे है।
कोरोना संकटकाल में कर्मचारी सरकार के साथ कांधे से कांधा मिलाकर काम कर रहे हंै, लेकिन सरकार ने उन्हें प्रोत्साहित किए जाने के बजाय उनकी जेब पर ही कैंची चला दी। पहले कर्मचारियों का एरियर रोका, फिर बढ़े हुए डीए का भुगान देने से रोक लगा दी। इससे कर्मचारियों को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके पीछे सरकार के खजाने की माली हालत खराब होने का तर्क दिया गया।
– ऐसे हुआ एरियर और डीए का नुकसान
राज्य कर्मचारियों को जनवरी 2016 में सातवां वेतनमान दिया गया था, लेकिन इसका नकद भुगतान जुलाई 2017 से किया गया। उन्हें 18 माह का एरियर तीन किस्तों में देने का निर्णय किया गया। तीन किस्त प्रतिवर्ष मई माह में मिलना थी। दो किस्तें मिलीं, लेकिन तीसरी किस्त मई 2020 मिलना थी, जिस पर रोक लगा दी गई। कुछ ऐसी ही स्थिति डीए के मामले में बनी। कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में पांच प्रतिशत डीए देने के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस डीए को स्थगित कर दिया। इसी प्रकार केंद्रीय कर्मचारियों के समान चार प्रतिशत डीए भी जनवरी माह से मिलना था, लेकिन यह भी नहीं मिला। इस तरह नौ प्रतिशत डीए का नुकसान हुआ।

– पेंशनर्स का 32 माह का एरियर डूबा
सातवें वेतनमान की बात करें तो भाजपा शासनकाल में राज्य कर्मचारियों को जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दिया गया। पेंशनर्स को भी यही लाभ मिला, लेकिन उन्हें छठवें वेतनमान का 32 माह का एरियर नहीं दिया गया। तीन हजार करोड़ रुपए का यह एरियर उनका डूबत खाते का है। पेंशनर्स इसे भूल चुके हैं।
– रिटायर कर्मचारियों का भुगतान अटका
पिछले छह माह में रिटायर हुए कर्मचारियों की बात करें तो अधिकतर के भुगतान अटके हैं। मार्च के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को सिर्फ रिटायरमेंट का आदेश मिला, लेकिन उनके किसी भी प्रकार के भुगतान नहीं हुए। इनमें उनकी पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य भुगतान शामिल हैं। यह राशि 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक की है।
– एक साल तक डीए नहीं बढ़ेगा
सरकार ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए कर्मचारियों को अगले एक साल तक डीए देने पर रोक लगा दी है। अब उन्हें जुलाई 2021 से डीए देने की बात कही जा रही है।
– ऐसे समझें कर्ज का हिसाब
सातवें वेतनमान की एरियर की किस्त – 1500 करोड़ रुपए
पांच माह का डीए रोका – 1250 करोड़ रुपए
चार माह का डीए मिलना था – 250 करोड़ रुपए
रिटायर हो रहे कर्मचारियों के भुगतान रोके – 35000 करोड़ रुपए


राज्य कर्मचारी सरकार के साथ कांधे से कांधा मिलाकर काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके भुगतान पर ही रोक लगा रही है। यह उचित नहीं है। कर्मचारी महंगाई से जूझ रहे हैं, अब भुगतानों पर रोक लगने का सीधा असर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। सरकार को चाहिए जल्द से जल्द उनके भुगतान किए जाएं।
– लक्ष्मीनारायण शर्मा, महामंत्री, तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ

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