प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि सरकार शराब की बिक्री बढ़ाकर क्या सिद्ध करना चाहती है, बल्कि होना तो यह चाहिए कि शराब की खपत कम की जाए। लोगों की नशे की लत से दूर रखा जाए लेकिन शिवराज सरकार ने ऐसा प्रयास कभी नहीं किया। अब इस बैठक से सरकार की सोच उजागर हो रही है। यह सीधे तौर पर शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए है।
उन्होंंने कहा कि नियमानुसार आबकारी विभाग का कार्य वित्तीय वर्ष में हुए शराब ठेकों के तयशुदा राजस्व को वसूल करना व आबकारी अपराधों पर रोकधाम का होता है ना कि मदिरापान हेतु लोगो को प्रेरित करने का। यह कार्य भी ऐसे समय में किया जा रहा है जब प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश में 15 जनवरी से शराबबंदी को लेकर सड़कों पर आने की घोषणा की है और प्रदेश में चार उपचुनाव के प्रचार का काम हो रहा है। शिवराज सरकार का यह काम बेहद आपत्तिजनक है और तत्काल इस विषय की बैठक को निरस्त किया जाना चाहिये।